अलवर

ऑपरेशन शील्ड के तहत अलवर शहर के आंशिक क्षेत्र में किया गया ब्लैक आउट का पूर्वाभ्यास

नागरिकों ने स्वेच्छा से अपने घरों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों व वाहनों आदि की लाइट बंद कर किया ब्लैक आउट में सहयोग

जिला कलक्टर ने किया ब्लैक आउट क्षेत्र का दौरा कर किया निरीक्षण

अलवर । गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशों की अनुपालना में आज ऑपरेशन शील्ड के तहत ड्रोन ‘हवाई हमले की स्थिति’ में बचाव व सुरक्षा के लिए अलवर शहर के बाबू शोभाराम महाविद्यालय के 2 किलोमीटर परिधि क्षेत्र जिसमें दाउदपुर कॉलोनी, रेलवे स्टेशन कॉलोनी, बुध विहार, कर्मचारी कॉलोनी, शिवाजी पार्क, टेल्को सर्किल, अम्बेडकर सर्किल, ट्रांसपोर्ट नगर, रणजीत नगर, विजय नगर, स्कीम नं. 10 एवं स्कीम नं. 10 बी, बसंत विहार, गणपति विहार तथा भगवानपुरा कॉलोनी आदि क्षेत्र के नागरिकों को प्रशिक्षित करने के लिए स्वैच्छिक ब्लैक आउट का पूर्वाभ्यास आयोजित किया गया जिसमें क्षेत्र के नागरिकों ने स्वेच्छा से अपने घरों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों व वाहन आदि की लाइट बंद कर ब्लैक आउट में सहयोग किया।

जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने शहर के ब्लैक आउट क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बुध विहार स्थित फायर स्टेशन पहुंचकर सायरन आदि व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के आह्वान पर उक्त संबंधित क्षेत्र में रात्रि 8:15 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक नागरिकों के द्वारा स्वैच्छिक ब्लैक आउट रहा। इस ब्लैक आउट का उद्देश्य किसी भी प्रकार के ड्रोन हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को अपने बचाव व सुरक्षा हेतु उन्हें प्रशिक्षण दिया जाना है। इस ब्लैक आउट की सूचना सोशल मीडिया व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम के अलावा सायरन बजाकर नागरिकों को दी गई। उन्होंने बताया कि इस प्रकार ब्लैक आउट व मॉक ड्रील का पूर्वाभ्यास पुनः भी किया जा सकता है।

इस दौरान एडीएम शहर श्रीमती बीना महावर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री तेजपाल सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री जितेन्द्र सिंह नरूका मौजूद रहे।

ब्लैकआउट की स्थिति में क्या करें, क्या ना करें

उन्होंने बताया कि ड्रोन/हवाई हमले की स्थिति में ब्लैक आउट किए जाने पर निर्धारित समय में सायरन या हूटर बजते ही बिना घबराए सभी नागरिक अपने घरों में रहे व अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, प्रत्येक स्थान की लाइट बंद कर दें, भगदड न मचाए व धूम्रपान न करें, माचिस, मोबाइल, टॉर्च एवं फ्लैश लाइट का इस्तेमाल न करें, यदि किसी घर अथवा प्रतिष्ठान की खिडकी से प्रकाश बाहर निकलता दिखें तो उस स्थान पर काला कागज लगाये, सडक पर चलने वाले वाहनों की लाइट बंद करें तथा जहां जो हो वहीं वाहन के साथ रूक जाएं, ब्लैक आउट में क्षेत्र के सिविल डिफेन्स के वार्डनों की सहायता करें, दो मिनट तक सायरन बजने पर बचाव कार्य व अन्य गतिविधि में लग जाएं, ऐयर रेड सायरन बजने पर शांतिपूर्वक सुरक्षित स्थान पर शरण ले, अफवाहों से बचे और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना करें, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों व स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें, मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुने, सुरक्षित शरण स्थल की जानकारी लें, शरण स्थल तक जल्दी से पहुंचने का रास्ता पहले से तय करें, पीने का पानी कम से कम तीन दिन का व सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फूट

आदि) जैसी जरूरी वस्तुएं तैयार रखें, प्राथमिक चिकित्सा कीट, टार्च एवं एक्स्ट्रा सेल रखे, जरूरी दस्तावेज जैसे आईडी मेडिकल रिपोर्ट आदि सुरक्षित रखे, शीशे से दूर रहे जमीन पर लेट जाए, हवाई हमले के बाद तभी बाहर निकले जब सरकारी निर्देश मिले, घायल हो तो प्राथमिक उपचार करें, संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो छुए नहीं व पुलिस को इसकी सूचना देवे, यदि रोड पर हो तो वाहन किनारे खडा कर वाहन की लाइट ऑफ कर दें, समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों/निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें, घबराये नहीं ट्रैफिक नियमों और आपदा प्रबंधन कर्मियों व पुलिस के निर्देशों का पालन करें। ड्रोन हवाई हमले का रेड सिग्नल 2 मिनट तक ऊंची-नीची आवाज में सायरन बजाकर दिया जाएगा तथा खतरा टलने की सूचना 2 मिनट तक सायरन को एक ही आवाज में बजाकर दी जाएगी।

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