शामली

पटनीप्रतापुर गांव मे आयोजित हुई कृषि तकनीकी कार्यशाला 

मक्का की खेती से एथेनॉल उत्पादन तक की दी तकनीकी जानकारी 

नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो ।

झिंझाना। ग्राम पंचायत पटनीप्रतापुर मे प्राथमिक विद्यालय लक्षमणपुरा पटनीप्रतापुर मे विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत वैज्ञानिक किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान फुल कुमार ने की। केवीके कृषि अभियांत्रिक वैज्ञानिक डा साकिब परवेज ने जुताई  से लेकर कटाई तक यंत्रीकरण के बारे मे बताया कि मोल्डबोर्ड हल, डिस्क हल, डिस्क हल, छेनी हल, रोटरी टिलर, सुपर सीडर, सबसॉइलर्स और रिपर्स के रखरखाव, प्रयोगशाला से किसान के खेत तक के प्रयोग को साझा किया। सहायक विकास अधिकारी (कृषि) जयदेव उपाध्याय ने बताया कि मक्के की खेती शामली में एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा में योगदान देती है । शामली उत्तर प्रदेश में स्थित है और इसकी उपजाऊ दोमट मिट्टी इसे मक्के सहित विभिन्न फसलों के लिए उपयुक्त बनाती है। जिले का कृषि क्षेत्र, मक्का और अन्य अनाजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समग्र आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।एक टन मक्का से लगभग 380 लीटर इथेनॉल प्राप्त होता है; इस प्रक्रिया में अनाज को पीसकर आटा बनाना, स्टार्च को छोटी कार्बोहाइड्रेट श्रृंखलाओं और किण्वनीय शर्करा में तोड़ना, किण्वन (15% शुद्ध अल्कोहल तक), आसवन (94% स्पिरिट तक) और निर्जलीकरण (99.9% ईंधन इथेनॉल तक) शामिल है। एथेनॉल उत्पादन के लिए, मक्का की कुछ विशिष्ट किस्में प्रताप शंकर मक्का-6, IMH224, IMH227 हैं। सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा) अजय तोमर ने  गन्ने मे विभिन्न रोगो की रोकथाम के उपाय के सम्बध मे बताया कि भूमि शोधन  से भूमि जनित रोग नियंत्रण कर सकते है। भूमि शोधन के लिए 1 किलो ट्राइकोडर्मा को 100 किलो गोबर की खाद में अच्छी तरह मिलाकर किसी छायादार स्थान में रखकर जूट के बोरे या धान के पुवाल से ढक दें। एक सप्ताह के बाद इस खाद को खेत में पलेवा से पहले बिखेर दें। बोने से पूर्व गन्ने के बीज को ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल में 5 मिनिट तक डुबाकर रखें। कृषि अभियांत्रिक वैज्ञानिक डा साकिब परवेज ने जुताई  से लेकर कटाई तक यंत्रीकरण के बारे मे बताया कि मोल्डबोर्ड हल, डिस्क हल, डिस्क हल, छेनी हल, रोटरी टिलर, सुपर सीडर, सबसॉइलर्स और रिपर्स के रखरखाव, प्रयोगशाला से किसान के खेत तक के प्रयोग को साझा किया। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला सन्नी चौहान ने मृदा नमुना गृहित करने का तरीका, पोषक तत्वो का फसलोत्पादन मे महत्व बताया। ग्राम प्रधान फुल कुमार ने केन्द्रीय कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया व कार्यक्रम की महत्ता के बारे मे बताया। किसानो को बीज भण्डार कृषि विभाग और वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्रो से दी गयी सलाह से खेती करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर  इस अवसर पर संजय, सोनु,  विनोद, रमेशचंद, सलीम,  रमेश, चंद्रेश, संदीप कुमार, पप्पू , तेजपाल, अर्जुन आदिमौजूदरहे।

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