बाराबंकी

आवारा कुत्तों का बढा आतंक।

नेशनल प्रेस टाइम्स ,ब्यूरो।

बाराबंकी। क्षेत्र मे आवारा कुत्तो का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं जिस कारण कुत्ते के काटने से घायल हुए मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं गर्मी बढ़ने के साथ ही कुत्ते हिंसक हो रहे है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव मे रोजाना करीब 20 से 25 एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाये जा रहे हैं।
क्षेत्र मे कुत्ते खूंखार होते जा रहे है गाँव गली मे कुत्तो का आतंक बढ़ता जा रहा हैं सीएचसी बड़ागांव मे कुत्ता काटने के इंजेक्शन वाले काउंटर पर हर रोज मरीजों की भीड़ लगी रहती हसी अस्पताल मे रैबीज के इंजेक्शन के आंकड़े बया कर रहे है कि क्षेत्र मे हर रोज 20 से 25 लोगो पर हमला कर घायल कर रहे है। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव मे जब पड़ताल की गयी तो मंगलवार को नये मरीजों मे मसौली निवासी विष्णु गुप्ता पुत्र ओमकार, अमित पुत्र विक्रम,उपदेश पुत्र केशन, सुरेंद्र पुत्र राम आधार, अर्पित पुत्र राम कैलाश, मो0 हस्सान पुत्र अतीक,आजम पुत्र कय्यूम, शिवांगी पुत्री शिवा, राम सरन, बिछलखा निवासी आनंद पुत्र बुधराम, बांसा निवासी रामदुलारी पुत्री जगत नरायण, मुश्कीनगर निवासी वंदना पुत्री जगप्रसाद, बिरौली निवासी अभिषेक पुत्र राकेश,मदारपुर निवासी विदेश पुत्र प्रेमचंद को कुत्तो ने काटकर घायल कर दिया तो विवेक पुत्र पप्पू नेवला करसंडा, किन्हौली निवासी सरिता पुत्री श्रवण कुमार को बंदरो ने काटकर घायल कर दिया जो कुत्ते काटने के चलते इंजेक्शन लगवाने अस्पताल आये थे। वही करीब 15 लोग दूसरा व तीसरा इंजेक्शन लगवाने आये थे।

हाई स्ट्रोक के कारण पागल हो रहे है कुत्ते :
पशु चिकित्सालय मसौली के चिकित्साधिकारी डॉ0 कमलेश कुमार ने बताया कि गर्मी में कुत्तो के पागल होने का मुख्य कारण है कि तेज धूप एव पानी की कमी के चलते हाई स्ट्रोक हो जाते है और पागल होकर लगातार दौड़ते रहते है पागल कुत्तों की जीभ बाहर निकली रहती है। डॉ0 कमलेश कुमार ने बताया कि कुत्ते दो तरह के पागल होते है जिसमे जिसमे डम्प फाम एव फ़्यूरिस फाम जिसमे डम्प फाम में पागल कुत्ता सुस्त रहता है और फ़्यूरिस फाम में हाईपर के कारण दौड़ता रहता है जो सबसे खतरनाक होता है।कुत्ते की लार से बचना चाहिए क्योंकि लार में ही वायरस होते है जो सीधे दिमाग पर अटैक करते है।

कुत्ता काटे तो क्या करें:

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 वी के मौर्य ने बताया कि रैबीज कुत्ता, बिल्ली, बन्दर,सियार सहित सभी जंगली जानवरों के काटने से होता है।जिसका सीधा असर मष्तिष्क से होता है।यदि किसी के कुत्ता काट ले तो घाव को तुरन्त साफ पानी से धुलना चाहिए फिर घाव के स्थान पर लाइफबॉय साबुन से करीब आधे घंटे तक घाव को धुले जिससे घाव से वैक्टीरिया निकल जाय और तुरन्त अस्पताल ले जाकर एन्टी रैबिज का इंजेक्शन लगवाये।डॉ0 जाकिर हुसैन ने बताया कि घरेलू नुस्खे बेकार की बाते है जिन पर विश्वास न करे एंटी रैबिज इंजेक्शन के 4 डोज लगती है जिसमे कुत्ता काटने के 24 घण्टे के अन्दर इसके बाद दो डोज हर तीसरे दिन चौथा डोज 21 दिन बाद दिया जाता हैं।

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