महिला अस्पताल के शौचालयों में पड़े ताले, कहां जाएं महिला मरीज

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
मथुरा। महिला अस्पताल में आने वाली मरीजों को यहां बने शौचालयों में ताला लगा होने के कारण परेशानी हो रही है। खासकर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। महिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 500-600 के करीब महिला मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचती हैं। वहीं वार्डों में भी यह भर्ती होती हैं, लेकिन मरीजों को यहां शौचालय की सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पताल में बने दो महिला शौचालय में ताला लगा है। सिर्फ एक शौचालय खुला हुआ है। इसमें भी इंडियन सीट है। कोई और सुविधा न होने के कारण मजबूरन इसका उपयोग करना पड़ता है। इसमें भी बदबू और गंदगी इतनी है कि जाने का मन नहीं करता। शौच आदि के लिए मरीज और उनके तीमारदारों को बाहर सार्वजनिक शौचालयों में 10 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। महिला अस्पताल के सीएमएस अनिल कुमार पुरवानी का कहना है कि शौचालयों में काम कराया जा रहा है। इसलिए इनमें ताले पड़े हैं। तीन-चार दिन में काम पूरा होने के बाद इन्हें चालू कर दिया जाएगा। जिला अस्पताल में भी बने दिव्यांग शौचालय पर ताला लगा होने से दिव्यांगों को शौच के लिए परेशान होना पड़ता है। अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 1200 के लगभग मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें 70 से 80 मरीज दिव्यांग होते हैं। दिव्यांगों के लिए यहां बने शौचालय में ताला लगा होने के कारण उन्हें परेशानी होती है। सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि दिव्यांग शौचालय का सभी उपयोग करने लग गए हैं इसलिए ताला लगा दिया है। अगर कोई दिव्यांग आता है तो ताला खोल दिया जाएगा।