विधानसभा अध्यक्ष ने पारा शिक्षकों की नौकरी बहाल रखने हेतु की मांग

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
रांची, गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की डिग्री पर पारा शिक्षकों की नौकरी करने वाले शिक्षकों के समर्थन में अब विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के लोग आ गये हैं। अब विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने शिक्षा सचिव को पारा शिक्षकों की नौकरी बहाल रखने के लिए पत्र लिखा है। आपको बता दें कि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीईओ) को वैसे गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की डिग्री लिये पारा शिक्षकों को हटाने का आदेश दिया है। इस मामले में इससे पहले बाबूलाल मरांडी ने भी मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर सभी की नौकरी सुरक्षित करने की मांग की थी। अब विधानसभा स्पीकर भी पारा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में आगे आये हैं। आपको बता दें कि पारा शिक्षकों को हटाने की यह कार्रवाई तब हुई, जब जांच में सामने आया कि शिक्षकों ने गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री ली है। जिसके बाद अब जेईपीसी ने एक्शन लेते हुए वैसे फर्जी संस्थानों से डिग्री लेने वाले पारा शिक्षकों को हटाने का आदेश दिया था। रविंद्र नाथ महतो ने 8000 पारा शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रखने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वो पारा शिक्षकों की सेवा को सुरक्षित करने। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि क्योंकि वैसे संस्थानों से डिग्री लेकर नौकरी वो पिछले 20 सालों से कर रहे हैं, इसलिए उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। रविंद्र नाथ महतो ने कहा है कि उन्हें क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई पारा शिक्षकों ने आवेदन सौंपा है। कि वो लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, इसलिए उनकी सेवा बहाल रखी जाये। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि उनके आवेदन पर विचार करते हुए सेवा में बहाल रखने का विचार किया जा सकता है।
सहायक अध्यापकों को नौकरी से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण- बाबूलाल मरांडी
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी कहा था कि झारखंड सरकार द्वारा सहायक अध्यापकों को नौकरी से हटाने का निर्देश अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये शिक्षक पिछले 15 से 20 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं और दूरदराज क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. इन शिक्षकों को हटाने से न केवल उनका भविष्य संकट में आ जाएगा. बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा।