बागपत

बड़ौत में मातृत्व को मिला नया सम्मान

जिला प्रशासन ने शुरू की ‘आंचल स्तनपान कक्ष’ सेवा, डॉ. अभिनव तोमर की रही प्रमुख भूमिका

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

बड़ौत/बागपत : जनपद बागपत के बड़ौत शहर में माताओं और नवजात शिशुओं के लिए एक सम्मानजनक व सुविधाजनक सेवा की शुरुआत की गई है। जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई ‘आंचल स्तनपान कक्ष’ सेवा सार्वजनिक स्थलों पर स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इस सेवा के क्रियान्वयन में लिटिल फिट नर्सरी के संचालक डॉ. अभिनव तोमर की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।

इस अभिनव सेवा का उद्घाटन जिला कलेक्टर श्रीमती अस्मिता लाल द्वारा फीता काटकर किया गया। यह पहल शहर की माताओं को गरिमापूर्ण वातावरण में स्तनपान कराने की सुविधा देती है, जो अब तक सार्वजनिक स्थानों पर अत्यंत चुनौतीपूर्ण था।

सेवा की शुरुआत दो प्रमुख स्थलों से

यह सेवा प्रारंभिक चरण में बड़ौत के दो प्रमुख स्थानों पर शुरू की गई है:

1. बावली चुंगी रोडवेज बस स्टैंड

2. बाजार पुलिस चौकी परिसर

इन दोनों स्थानों पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में महिलाओं का आवागमन रहता है। अब माताएं यहां बिना संकोच व असुविधा के स्तनपान कर सकेंगी।

उद्घाटन समारोह में शामिल रहे ये गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर डॉ. सुखपाल, डॉ. अभिनव तोमर, वंदना गुप्ता, लिटिल फिट नर्सरी का पूरा स्टाफ और शहर के अनेक सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने जिला प्रशासन की इस पहल की प्रशंसा की और इसे महिलाओं के सम्मान की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया।

डॉ. अभिनव तोमर का वक्तव्य:

“यह हमारे जनपद के लिए गर्व का विषय है कि जिला प्रशासन ने माताओं की गरिमा और सुविधा को प्राथमिकता दी। मुझे खुशी है कि मुझे इस कार्य में सक्रिय भागीदारी का अवसर मिला। मैं कलेक्टर श्रीमती अस्मिता लाल जी और समस्त प्रशासन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने इस सेवा को वास्तविकता में बदलने का मार्ग प्रशस्त किया।”

— डॉ. अभिनव तोमर, सामाजिक कार्यकर्ता एवं संस्थापक – लिटिल फिट नर्सरी

बड़ौत जैसी तेजी से बढ़ती नगरी में यह सेवा सामाजिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। कलेक्टर श्रीमती अस्मिता लाल ने बताया कि आने वाले समय में ऐसी सुविधाओं को और विस्तृत किया जाएगा।

प्रशासन और सहयोगी संस्थाओं की योजना है कि यदि सेवा को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो इसे रेलवे स्टेशन, तहसील परिसर व अन्य सार्वजनिक स्थलों तक विस्तार दिया जाएगा।

‘आंचल स्तनपान कक्ष’ सेवा न सिर्फ नवजातों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि मातृत्व को सामाजिक सम्मान भी प्रदान करेगी। यह पहल दिखाती है कि प्रशासन और समाज जब मिलकर काम करते हैं, तो बदलाव संभव होता है।

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