गोड्डा
पारसी चौक स्थित कुएं से विषैले सांप का किया रेस्क्यू

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो
ठाकुर गंगटी (गोड्डा): प्रखंड क्षेत्र के पारसी चौक स्थित एक कुएं में सोमवार संध्या संतोष साह ने एक बड़ा विषैला सांप को तैरते हुए देखा। उन्होंने देखा कि सांप को परेशानी भी हो रही है साथ ही साथ आम लोगों के लिए यह खतरा बना हुआ है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पड़ोस के लोगों को इसकी जानकारी दी गई। उक्त जानकारी पत्रकार फूलचंद कुमार को मिलने पर उन्होंने साहिबगंज जिले के मिर्जाचौकी नयाटोला ग्राम निवासी सांप पकड़ने के अनुभवी राजेश राम को आग्रह कर बुलाया। राजेश राम सांप पकड़ने वाला स्टिक लेकर परासी चौक कुएं के निकट पहुंचे और फिर सांप का रेस्क्यू किया। काफी कड़ी मशक्कत के बाद सांप को राजेश राम ने कुएं से बाहर निकाला और उसे डब्बे में बंद कर अपने साथ ले गया।इस दौरान संतोष साह,सुभाष कापरी, ज्योतिष कुमार साह आदि ने राजेश राम का सहयोग किया। राजेश राम ने बताया कि यह विषैला गेहूंमन सांप है। इस सांप को वे मंगलवार को साहिबगंज जिले क्षेत्र स्थित रक्सी मां स्थान के निकट पहाड़ पर घने जंगल में ले जाकर छोड़ देंगे। उन्होंने बताया कि जहां वे सांप ले जाकर हमेशा छोड़ते हैं उस जगह पर कोई उत्खनन वगैरह का कार्य नहीं होता है।वह वन विभाग का क्षेत्र है। राजेश राम द्वारा पिछले कई वर्षों से वन्यजीवों की रक्षा और ग्रामीणों का सहयोग के लिए यह काम किया जाता रहा है।करीब एक दशक से अधिक समय से राजेश राम सांप पड़कर लगातार जंगल में छोड़ने का काम कर रहे हैं। कभी-कभी धोखा भी खा जाते हैं। पिछले वर्ष मोरडीहा गांव में ही रेस्क्यू करने के दौरान एक विषैला सांप ने उसे अंगुली में डस लिया था।देर न करते हुए राजेश राम उस सांप को डब्बे में बंद किए हुए सीधे बिहार राज्य भागलपुर जिले अंतर्गत कहलगांव एन टी पी सी अस्पताल चले गए।वहां सांप देखने के बाद अनुभवी चिकित्सकों ने तुरंत उनका इलाज शुरू किया और फिर दो दिनों बाद वह स्वस्थ हो गए। लेकिन फिर भी मनुष्यों और वन्य जीवों की रक्षा और समाज सेवा वह आज भी करते रहे हैं।उन्हें कई बार वन विभाग द्वारा आश्वासन भी दिया गया की मंडरो डाक बंगला के माध्यम से कुछ सरकारी राशि मुहैया कराई जाएगी। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।लेकिन फिर भी राजेश राम खुशहाल मन से समाज सेवा के तौर पर जब भी उन्हें सूचना मिलती है सांप का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ते हैं। राजेश राम ने कहा कि वन्य या किसी सरकारी विभाग द्वारा उन्हें कुछ मिले या ना मिले लेकिन वन्य जीवों और मनुष्यों की सुरक्षा के साथ-साथ समाज सेवा के तौर पर वे यह काम करते रहेंगे।