सिंगरौली

 गोदवाली में सड़क के किनारे तक लगा कोयले का ढेर, डस्ट से गांव के लोग त्रस्त

बरगवां में निजी भूमि पर बना कोलयार्ड, खनिज विभाग अनजान या मिलीभगत? 

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो।
सिंगरौली । गोदवाली का कोलयार्ड नेशनल हाईवे सीधी-सिंगरौली सड़क के किनारे कोयले का ढेर वाहनों के आवाजाही में जहां रोड़ा डाल रहा है। वही एनएच का अमला भी अनजान बना है। साथ ही क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण तंत्र एसी दफ्तर से बाहर नहीं निकल रहा है। जिससे यहां के रहवासियों का जीना मुहाल है।

दरअसल गोदवाली कोलयार्ड का कोयला का भण्डारण इस तरह किया जा रहा है कि नेशनल हाईवे 75 तक पहुंच गया है। सड़क की पटरी भी नहीं बची है। जहां कोयले का भण्डारण न किया हो। हालांकि यह कोयला वैध है, किंतु एनएच सड़क पर कोयले का भण्डारण किया जा सकता है। इसके लिए सख्त निर्देश है। किंतु आरोप है कि नेशनल हाईवे 75 का अमला पूरी तरह से कुम्भ निद्रा में हैं। इनकी निद्रा कब टूटेगी, इसपर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। आरोप यहां तक लग रहा है कि सड़क के किनारे कोयले का भण्डारण किये जाने को लेकर कई बार शिकायती भी की गई। इसके बावजूद नेशनल हाईवे कार्रवाई करने से बचता रहता है। जिसके चलते फोर लेन सड़क में से टू-लेन का आवागमन अधिकांशतः समय में प्रभावित रहता है और वाहनों को बरगवां से गोरबी तरफ जाने में परेशानियों का सामना भी उठाना पड़ता है। आरोप है कि नेशनल हाईवे के अधिकारियों के उदासीनता के चलते कोलयार्ड के ठेकेदारों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन पर यदि कार्रवाई कर दी जाये तो, इस समस्या से निजात मिल सकती है, लेकिन नेशनल हाईवे का अमला भी एसी दफ्तर से बाहर निकलने की जरूरत नही समझते है। यही हाल क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमले का भी है। जहां कोयले के डस्ट ने लोगों को जीना दुश्वार कर दिया है। आलम यह है कि कोलयार्ड गोदवाली में 24 घंटे लगातार कोयले का परिवहन एवं भण्डारण किया जाता है और कोयले का डस्ट इस तरह उड़ता है, जैसे रेल का धुआं हो। यहां के लिए यह कोई नई बात नही है।
गोदवाली में जब से कोलयार्ड चालू हुआ है तब से यह समस्या बनी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण अमला सब कुछ जानते हुये अनजान बना हुआ है। फिलहाल गोदवाली कोलयार्ड का एनएच सड़क में बेजा कब्जा एवं पर्यावरण प्रदूषण यहां के रहवासियों के लिए गले का फांस बनता जा रहा है। प्रशासन की उदासीनता एवं कार्यप्रणाली पर भी तरह-तरह का सवाल उडना लाजमी है।
निजी भूमि पर बना कोलयार्ड
बरगवां क्षेत्र में कोलयार्ड के नाम पर कोल माफिया ने निजी भूमि पर कोयले का कर रखा है भंडारण, सूत्र बताते हैं बरगवां क्षेत्र में कोल व्यापारी निजी भूमि पर अपना कोलयार्ड बना रखे हैं जबकि निजी भूमि पर कोलयार्ड नहीं बनाया जा सकता इसके लिए बाकायदा रेलवे द्वारा परमिशन लेकर रेलवे साइडिंग में बनाया जाता है लेकिन मनमाने रवैया के कारण कोल माफिया निजी भूमि पर कई टन कोयले का अवैध भंडारण कर रखे हैं। सूत्र बताते है कि ये कोल माफिया मिलावट के बाद बचे हुए कोयले को निजी भूमि पर इकट्ठा कर मार्केट में बेच दिया जाता है। मिलावट के लिए ये लोग चारकोल और भस्सी ( स्टोन डस्ट ) का इस्तेमाल किया जाता है। सूत्र बताते है मिलावट का कारोबार 60, 40 के रेशिओ में खेला जाता है। जिसमे 60 प्रतिशत कोयला और 40 प्रतिशत चारकोल या स्टोन डस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
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