
नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
मथुरा। वृंदावन स्थित वंशीवट वह स्थान हैं जहां भगवान श्रीकृष्ण वंशी बजाते थे। इसी वंशीवट की छांव में फिर से बांसुरी के मधुर स्वर गूंजेंगे। एक साथ सौ बांसुरी वादक यहां फिर एक बार वंशी के स्वर बिखेरेंगे। इसके लिए सांसद हेममालिनी ने पहल की है। इसका पूरा प्रस्ताव उन्होंने तैयार कर लिया है, जल्द ही आयोजन के लिए वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलेंगीं। मथुरा और वृंदावन में अनेकों प्राचीन स्थली ऐसी हैं जहां भगवान श्रीकृष्ण ने लीलाएं कीं। यमुना की जलधारा और गिरिराज जी श्रीकृष्ण की लीलाओं के साक्षी हैं। मान्यता है कि वृंदावन स्थित वंशीवट भी श्रीकृष्ण की सबसे प्रिया वंशीवादन लीला का साक्षी है। यहीं से भगवान श्रीकृष्ण वंशी बजाते थे। लेकिन अब यहां वंशी की गूंज सुनाई नहीं देती। एक बार फिर से वंशीवट के नीचे वंशी के मधुर स्वर गूंजे इसके लिए सांसद हेमामालिनी ने प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत एक वृहद कार्यक्रम आयोजित कर सौ वंशी वादकों द्वारा एक साथ बांसुरी की धुन सुनाए जाने की योजना बनाई गई है। सांसद का प्रयास है कि स्वयं बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया भी वंशीवट के नीचे बैठकर बांसुरी बजाएं। इसके लिए वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगी। सांसद ने बताया कि वंशीवट वह स्थान है जहां स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने वंशी बजाई है, ऐसे में यहां वंशी की धुन फिर से गूंजे, इससे बेहतर और क्या हो सकता है। उन्होंने बताया कि उनका प्रयास है कि वंशीवट के नीचे ही बांसुरीवादकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। हालांकि इस पर बाद में कार्य किया जाएगा।