बहराइच
अजामिल मुक्ति की कथा सुन श्रोता हुए भावुक

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
बहराइच। विकास खंड महसी के ग्राम पंचायत टिकुरी में किसान गंज चौराहे पर स्थित बुढहु बाबा शिव मन्दिर पर जारी सात दिवसीय श्रीमद्भागवत । कथा के पांचवें दिन को नैमिषारण्य से आये प्रवाचक पंडित मुरारीलाल जी ने अजामिल मुक्ति की कथा सुनाते हुए कहा कि अजामिल का जन्म कान्यकुब्ज के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था वह धर्मपरायण, सदाचारी, बुद्धिमान और भगवान विष्णु का भक्त था एक दिन वह गांव से बाज़ार जा रहा था, तो उसने एक नर्तकी को देखा और मोहित हो गया, नर्तकी वेश्या थी लेकिन वह उसे अपने घर ले आया जिससे उसे नौ लड़कियां हुई,अजामिल अपने नौ बच्चों के साथ रहने लगा और उनके पालन पोषण के लिए चोरी डकैती आदि बुरें कामों में लिप्त हो गया,एक दिन पच्चीस संतों का एक काफ़िला अजामिल के गांव से गुज़र रहा था,साधुओं ने अजामिल से दक्षिणा मांगी, लेकिन अजामिल के पास दक्षिणा देने को कुछ नहीं था,साधुओं ने कहा कि हमें तुम्हारी स्तिथि तो बहुत ही खराब लग रही है हमें तुमसे दक्षिणा में कोई रुपया-पैसा नहीं चाहिए तुम सिर्फ अपने होने वाले पुत्र का नाम नारायण रख देना, अजामिल की पत्नी को जब पुत्र पैदा हुआ तो अजामिल ने उसका नाम नारायण रख दिया जिसके बाद जब भी वह अपने पुत्र को पुकारता तो नारायण का नाम लेता जिसके कारण जब अजामिल का अंत समय आया, तो यमदूतों को भगवान के दूतों के सामने अजामिल को छोड़कर जाना पड़ा। इससे हमें यह पता चलता है कि भगवान के नाम का उच्चारण करने से बड़े से बड़े पापियों को भी मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
इस मौके पर आयोजक प्रधान टिकुरी संजय त्रिवेदी, सुभाष पांडेय, क्षमानन्द शुक्ला, धर्मेंद्र कुमार शुक्ला,अभिनय कुमार त्रिपाठी, आचार्य सत्यम अवस्थी, सुबोध त्रिवेदी, सिद्धेश्वर पांडेय, जितेंद्र, सुशील त्रिवेदी,गोलू, आंचल, अर्चना,काजल, ऊषादेवी,विनय आदि सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।