पाकुड़

दुलाली सोरेन की लगन और मेहनत ने बदली किस्मत, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से जीवन में आया स्मृद्धि

Dulari Soren's dedication and hard work changed her fate, Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana brought prosperity in her life

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो।
पाकुड़। जिले के पाकुड़िया प्रखण्ड के सालपानी ग्राम के दुलाली सोरेन एक मध्यम परिवार की महिला घर गृहस्ती संभालते हुए किसी तरह अपनी जीविका चला रही थी। उनके परिवार के खर्चे और भविष्य की जरूरतों के हिसाव से बहुत मुशकिल से अपना घर चला रही थी। जीवन के इस मोड़ पर सोरेन को एक नई उम्मीद मिली जब उन्हे जिला मत्स्य कार्यालय, पाकुड़ द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिली। जिसके उपरांत उन्होंने जिला मत्स्य कार्यालय, पाकुड़ की मदद से 7 टैंक वाले बायोफ्‌लॉक का निर्माण योजना का लाभ लिया एवं नये व्यवसाय की शुरूआत की। यह योजना उनके जीवन में एक नया मोड़ लेकर आई, जिसमें उन्हें यह विश्वास हुआ कि अगर मेहनत और लगन से किसी काम को करने से मंजिल तक पहुंचते देर नहीं लगती। उन्हें यह विश्वास हो गया कि सरकार ने जीवन यापन तथा रोजगार के लिये, अनेको अवसर दिये है, जरूरत है बस उन्हें लगन एवं समय पर धरातल में लाने के लिये मेहनतकश प्रयास की। आज श्रीमती दुलाली सोरेन ना केवल अपने जरूरतों को सहजता से पूरा करती है, बल्कि दूसरों के लिये प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी है। दुलाली सोरेन ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अन्तर्गत 7 टैंक वाले बायोफ्‌लॉक का निर्माण योजना के लिये वर्ष 2021-22 में जिला मत्स्य कार्यालय, पाकुड़ में आवेदन दिया, जिसकी कुल परियोजना लागत 7.50 लाख रूपये थी। उन्हें महिला कोटी में चयनित किया गया, जिसके तहत उन्हें 60 प्रतिशत अनुदान के रूप में 4.50 लाख रूपये की सहायता राशि प्राप्त हुई। मत्स्य विभाग, झारखण्ड तथा जिला मत्स्य कार्यालय, पाकुड़ से मिले सहयोग से उन्होंने अपने कार्य की शुरूआत की और नए व्यवसाय की ओर कदम बढाया। दुलाली सोरेन, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की एक लाभार्थी मछली बिक्री के माध्यम से अपने आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव ला चुकी हैं। दुलाली सोरेन प्रतिवर्ष 1400 कि०ग्रा० मछली बिक्री कर लगभग 2 लाख 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष की आमदनी हो रही है। इस व्यवसाय से उनकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हो गयी है। इस व्यवसाय के माध्यम से सोरेन के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि समुदाय में भी रोजगार के अवसर बढ़े है। दुलाली सोरेन का यह उदाहरण साबित करता है कि सही योजना और मेहनत के साथ न केवल व्यक्तिगत आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि समाज में भी रोजगार के नए अवसर पैदा किये जा सकते है। इनकी यह सफलता की कहानी दिखाती है कि PMMSY पीएमएमएसवाई जैसे अवसर महिलाओं को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम है। दुलाली सोरेन की सफलता यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और प्रयास से कोई भी महिला अपने जीवन को नया दिशा दे सकती है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 7 टैंक वाले बायोफ्‌लॉक का निर्माण करके सरिता ने न केवल अपनी आय में वृद्धि की, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न किये है। इस योजना के जरीये उन्होंने न केवल अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत किया बल्कि समाज में भी महिलाओं के लिये प्रेरणा का एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी यह सफलता साबित करती है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत मजबूत हो तो। कोई भी चुनौती बड़ा नहीं होती।

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