मिशन वात्सल्य के तहत झारखण्ड आफ्टर केयर मार्गदर्शिका 2023 पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन*
मिशन वात्सल्य के तहत झारखण्ड आफ्टर केयर मार्गदर्शिका 2023 पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन*
नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो।
साहेबगंज। मिशन वात्सल्य के तहत झारखण्ड आफ्टर केयर मार्गदर्शिका 2023 विषय पर आज एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला परियोजना संसाधन केंद्र (DPRC) सभागार, साहेबगंज में किया गया। यह कार्यशाला पूर्वाह्न 11:00 बजे प्रभारी पदाधिकारी, सामाजिक सुरक्षा कोषांग की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य रूप से आफ्टर केयर योजना की प्रक्रिया, प्रावधान एवं हितग्राहियों की पहचान से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि संस्थागत अथवा गैर-संस्थागत देखरेख सेवाओं से जुड़े वे बालक/बालिकाएं, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो और जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपनी उच्च शिक्षा या जीविकोपार्जन की दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रहे हों, उनके लिए आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत ₹4000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। प्रशिक्षक संजय कुमार ने कहा कि वे बालक/बालिकाएं जो 14 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं और दीर्घकालिक देखभाल संस्थान में निवास कर रहे हैं, उनके लिए व्यक्तिगत देखभाल योजना के अनुरूप आवश्यकता के अनुसार आफ्टर केयर सेवाओं से लाभान्वित किया जा सकता है। यह योजना बालकों को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। प्रशिक्षिका सुतापा रूईदास ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके वैसे बालक- बालिकाएं, जिन्हें अभी भी संरक्षण और देखभाल की आवश्यकता है, उन्हें जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से चिह्नित कर मूलभूत सुविधाएं एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारीगण, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल गृह, Associate For Voluntary Action के समन्वयक, PLV के पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित रहे। इस कार्यशाला का उद्देश्य बाल अधिकारों की सुरक्षा, उनके पुनर्वास एवं सशक्तिकरण हेतु राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देना तथा संबंधित विभागों और संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करना रहा।