झुंझुनू
आज़ादी की राहों में पुस्तक के लेखक धर्मपाल गाँधी का किया सम्मान

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
झुंझुनूं , सूरजगढ़। स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित नव प्रकाशित पुस्तक आजादी की राहों में के लेखक धर्मपाल गाँधी का विवेकानंद पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल काजड़ा के प्रांगण में संस्था प्रधान मनजीत सिंह तंवर के नेतृत्व में शॉल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। साहित्यकार धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखी गई पुस्तक आज़ादी की राहों में वर्तमान अंकुर प्रकाशन नोएडा द्वारा 8 जून को प्रकाशित की गई है। पुस्तक का संपादन अंजू गाँधी द्वारा किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम पर चौथी पुस्तक प्रकाशित होने पर लेखक धर्मपाल गाँधी को शब्द,शोध,सत्ता, इतिहासकार सम्मान से नवाज़ा गया है। शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत सिंह तंवर ने बताया कि लेखक, विचारक व दार्शनिक धर्मपाल गाँधी काफी लंबे समय से स्वाधीनता आंदोलन पर शोध कर रहे हैं और स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को दुनियां के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं, जो निश्चित ही देशभक्ति से ओत-प्रोत सराहनीय कार्य है। अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए आजादी की लड़ाई में हर वर्ग व धर्म के लोगों ने भाग लिया था। लेकिन बहुत जल्दी हमने आजादी के दीवानों को लगभग भुला दिया है। समाज में व्याप्त कुरीतियों और सामाजिक बंदिशों को चुनौती देते हुए महिलाओं ने भी आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। चन्द महिला स्वतंत्रता सेनानियों को छोड़कर आज की युवा पीढ़ी किसी का नाम नहीं जानती है, जबकि हजारों महिलाओं ने अपना घर-परिवार छोड़कर देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और अनेक यातनाएं झेली। राष्ट्रहित में ऐसी महान वीरांगनाओं को याद करना बहुत जरूरी है। धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखी गई चौथी पुस्तक आजादी की राहों में महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष पर आधारित है। लेखक ने नव प्रकाशित पुस्तक आजादी की राहों में स्वतंत्रता संग्राम में अदम्य साहस, त्याग, समर्पण व वीरता का प्रदर्शन करने वाली चालीस क्रांतिकारी महिलाओं के जीवन संघर्ष की शौर्यगाथाओं का वर्णन किया है। स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी गई पुस्तक आजादी की राहों में लेखक धर्मपाल गाँधी की चौथी कृति है। इससे पहले लेखक धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखित हिन्द की क्रांतिकारी बेटियां व आजादी के दीवाने और क्रांति का आगाज़ पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। सभी पुस्तकें अमेजॉन पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। सभी पुस्तकों को पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया गया है। लेखक धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखी गई पुस्तकों में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी ऐसी ज्ञानवर्धक जानकारियां हैं, जिनसे अधिकतर लोग आज भी अनजान हैं। अगर हमें देश के भविष्य का निर्माण करना है तो अतीत में जाकर सच्चाई को जानना जरूरी है। इतिहास को जाने बिना और स्वतंत्रता संग्राम में महापुरुषों की भूमिका को समझे बिना किसी भी महापुरुष पर लिखना या टिप्पणी करना गलत है। आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की हकीकत को समझना होगा। तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए शांतिप्रिय और विकसित राष्ट्र का निर्माण कर पायेंगे। सच्चाई के साथ धर्मपाल गाँधी का स्वतंत्रता संग्राम पर पुस्तक लिखने का प्रयास वास्तव में काबिले-तारीफ़ और सराहनीय है। इस अवसर पर मनजीत सिंह तंवर, राय सिंह शेखावत, विनोद सोनी, धीर सिंह नायक, सरजीत कुमावत, विकास मारवाल, होशियार सिंह, सिंगाठिया, अशोक कुमावत, कपिल गुर्जर आदि अन्य लोग मौजूद रहे। धर्मपाल गाँधी ने सभी का आभार व्यक्त किया।