गुरु तेग बहादुर जी की जयंती पर नितनेम, कीर्तन व अरदास के साथ श्रद्धा भाव से मनाया गया पावन दिवस

एनपीटी ललितपुर ब्यूरो
इस अवसर पर मुख्य ग्रंथि ज्ञानी जसवीर सिंह जी ने प्रातः नितनेम साहब जी के पाठ किया उपरांत गुरबाणी कीर्तन कथा द्वारा संगत को निहाल किया उपरांत सभी के भले की अरदास की गई व प्रसाद का वितरण किया गया उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की गुरु तेग बहादुर जी का
जन्म अप्रैल, 1621 को अमृतसर में हुआ
पिता छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब जी थे
गुरु जी कवि, चिंतक, साहसी योद्धा, आध्यात्मिक विद्वान
महत्व मानवता के रक्षक, साहस, करुणा, और न्याय के मूल्यों का प्रतीक माना जाता हे गुरु जी तेग बहादुर ‘हिंद दी चादर’ के नाम से भी जाने जाते हैं
गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे. वे उनके 115 स्तोत्र सिख धर्म के मुख्य ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं.
गुरु तेग बहादुर जी ने अपने आदर्श, धर्म की रक्षा, और मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. आज भी दिल्ली में उनकी याद में गुरुद्वारा साहिब शीशगंज स्थापित है संचालन करते हुए महामंत्री सुरजीत सिंह सलूजा ने बताया कि 20 अप्रैल दिन रविवार को गुरु अर्जन देव जी का प्रकाश पर्व भी गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धा भावना के साथ मनाया जाएगा व 30 मई को श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी पर्व भी आ रहा है इसके उपलक्ष्य में गुरुद्वारा साहिब लक्ष्मीपुरा में 20 अप्रैल से 30 मई तक लगातार 40 दिन प्रातः 6:30 बजे से स्त्री साध संगत द्वारा श्री सुखमणि साहिब जी के पाठ होंगे उपरांत प्रतिदिन चाय लंगर के प्रसाद का वितरण होगा उन्होंने उक्त सभी कार्यक्रमों में नगर वासियों से उपस्थित रहने की अपील की है इस अवसर पर गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह सलूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा, कोषाध्यक्ष परमजीत सिंह छतवाल, परसन सिंह परमार, चरणजीत सिंह, हरजीत सिंह, गुरबीर सिंह, जगदीश कलरा, कमलजीत सिंह छाबड़ा, जोगिंदर सिंह रीन, पलविंदर सिंह परमार, संदीप सिंह, आदि उपस्थित रहे