संभल में कछुए वाले गांव(काशीपुर) में पहुंचकर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने कछुआ को खिलाये परवल।

एनपीटी संभल ब्यूरो
संभल/ विकासखंड जुनावई के उच्च प्राथमिक विद्यालय काशीपुर ( कछुए वाला गाँव)में जिलाधिकारी डाॅ. राजेन्द्र पैंसिया एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के अध्यक्षता में ग्राम चौपाल गाँव की समस्या, गाँव में समाधान तथा पर्यावरण के प्रबंधन में जल जीव जंतुओं का योगदान विषय पर संवाद का आयोजन किया गया तथा विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा कैम्प एवं शासन की योजनाओं से संबंधित स्टाल लगाए गये ताकि ग्रामीण लोग शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक तथा अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा तथा सहायक पुलिस अधीक्षक आलोक भाटी का एक पुष्प एवं पुस्तक देकर स्वागत किया गया। सर्व प्रथम आईसीडीएस विभाग के अन्तर्गत गर्भवती धात्रियों की गोद भराई तथा बच्चों का अन्न प्राशन कराया गया। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि कछुए से हमें सीखना चाहिए, कछुआ बहुत ही सहनशक्ति वाला जीव होता है। यह भगवान विष्णु के अवतार के रूप में भी जाना जाता है।यह सृष्टि की उत्पत्ति एवं सृष्टि के विनाश का प्रतीक है।कछुए के सेवा करने से समृद्धि एवं दीर्घायु प्राप्त होती है। जिलाधिकारी ने कहा कि 12 मई को कछुआ जंयती है इसको अच्छे से मनाया जाए। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि यह लुप्तप्राय प्रजाति के कछुए हैं इनको अच्छे से संरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि आसपास के गाँवों के तालाबों को भी इसी प्रकार से साफ रखा जाए।ताकि आसपास से बच्चे इनको देख सकें।पुलिस अधीक्षक ने काशीपुर के प्रधान द्वारा ग्राम में पुलिस चौकी बनवाने के लिए दान की गयी भूमि के विषय में भी बताया।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जनपद के अख्बंदपुर ग्राम को पूरी तरीके से वाद मुक्त गाँव बनाया जा रहा है, इस प्रकार इस गाँव में भी विवादों का सर्वे कराते हैं समस्याओं का निस्तारण किया जाए। तथा इसको भी वाद मुक्त गाँव बनाया जाए। प्रत्येक ग्राम वासी मैं की भावना के स्थान पर हम की भावना अपनाते हुए इस गाँव को तरक्की के मार्ग पर ले जा सकते हैं।मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने कहा कि विकासखंड जुनावई के ग्राम काशीपुर को कछुए वाला गाँव के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ के तालाब में लुप्तप्राय प्रजाति के कछुए पाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ने सभी जीव जंतुओं के कल्याण की बात की है, यही हमारी संस्कृति की विशेषता है। पर्यावरण प्रबंध करें एवं सभी जीव जंतुओं का सम्मान करें। पर्यावरण अनुकूल हमारे गाँव एवं सरोवर बन जाएंगे तो हमारा देश अच्छे से आगे बढेगा। अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि वह इस गाँव में पहली बार मई माह 2024 ई को आयीं थीं तथा 5 जून 2024 को इस तालाब को साफ़ कर इसका सौन्दर्यीकरण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कछुए में भगवान विष्णु का वास होता है। जब उनको पता चला कि इस गाँव के तालाब में लुप्तप्राय प्रजाति के भारतीय सॉफ्टशेल कछुआ नीलसोनिया गंगेटिका वास करते हैं, परन्तु वह तालाब काफी गंदा रहता है। ऐसी स्थिति में इस गाँव के ग्रामीण के सहयोग से इस तालाब की साफ सफाई की गयी। उन्होंने बताया कि गाँववासी इन कछुओं की सुरक्षा भी करते हैं । उन्होंने कहा कि आज यह पूरी दुनिया के लिए मिशाल है और उन्होंने कहा कि इन कछुओं के कारण इस गाँव को काफी प्रसिद्धि प्राप्त हो रही है तथा भविष्य में पर्यटन की भी संभावना यहाँ बनेगी तथा दूर दूर से यहाँ लोग आएंगे। अतः सभी ग्रामवासियों की यह जिम्मेदारी भी बनती है कि यह गाँव पूरी तरह से साफ स्वच्छ रहे तथा यहाँ के विद्यालय भी अच्छे हो तथा उन्हें पढ़ाई का स्तर भी गुणवत्ता पूर्ण हो तथा बच्चे भी अपनी पढाई पर विशेष फोकस करें। जिला विकास अधिकारी राम आशीष ने कहा कि शासन द्वारा अमृत सरोवर 2.4 शुरू किया जा रहा है, इस तालाब को अमृत सरोवर का रूप दिया जाएगा। आर्किटेक्ट के माध्यम से इसका डिजाइन भी तैयार कराया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तरुण पाठक, एवं ,परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञान सिंह, उप जिलाधिकारी गुन्नौर दीपक चौधरी तथा क्षेत्राधिकारी गुन्नौर दीपक तिवारी तथा खंड विकास अधिकारी जुनावई अखिलेश कुमार,ग्राम प्रधान काशीपुर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।