ललितपुर

नमामि गंगे योजना : कुआँतला में पाइप लगे पर नहीं आया पानी

एनपीटी ब्यूरो ललितपुर 

ललितपुर साहब हमारे गांव में नल की लाइन डालकर पाइप तो लगा दिए गए लेकिन तब से आज तक पानी की बूँद तक लोगों को नसीब नहीं हुआ। हालांकि साहब की काफी सारी फोटोज सोशल मीडिया और तमाम पोर्टलों पर खूब वायरल हुई। नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लेकर किस प्रकार से कागजों के जरिये झूठ परोसा जा रहा है ये अधिकारी धरातल पर आकर ग्रामीण अंचलों में जाकर स्वयं देख सकते हैं। मामला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत कुआँतला का है। इस ग्राम पंचायत में घर के बाहर नालों के पाइप तो लगे हैं और लोगों का कहना है कि पाइप लाइन कि जांच करने के लिए नालों से पानी आया था, इसके बाद से अब तक इस पाइप से पानी कि बूँद तक लोगों को देखने नहीं मिली। आलम यह है कि गांव कि महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा दैनिक जीवन यापन के लिए गांव में लगे हैंडपम्प और कुआं से से पानी लाने को विवश हैं। गर्मी के दिन

व दिन विकराल होते जा रहे स्वरुप के

चलते अब प्राकृतिक स्त्रोत सूखने लगे हैं तो वहीं हैंडपम्प ने भी पानी छोडत्ता शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं गांव में सुबह से ही हैण्डपम्पों पर महिलाओं की लम्बी लाइनें लग जाती हैं, ताकि वह समय से पानी भर सकें। इधर दूसरी ओर जिला प्रशासन की बात करें तो नमामि गंगे से सम्बन्धित अधिकारी कार्यालय में बैठकर योजना को धरातल पर फलीभूत होने का दावा करते हुये नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को गांव-गांव ले जाकर नलों के पाइप चैक करते समय आये हुये पानी के साथ फोटो खींच कर सोशल मीडिया और पोर्टलों पर भी खूब वायरल हुयी, लेकिन उसके बाद से मामला सिफर रहा है। यहां पाइप में टोटियां भी नहीं लगायी गयी हैं। इसके अलावा गांव में पेयजल आपूर्ति न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में रहने

वाली मुन्नीबाई ने बताया कि उनके गांव में शुरू से ही हैण्डपम्प और कुंए के पानी का इस्तेमाल होता आया है। लेकिन धीरे-धीरे आवादी बढते के साथ ही लोगों की दैनिक आवश्यकता बढ़ गयी और अब आलम यह है कि पेयजल के लिए समस्याएं विकराल होने लगी हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा गांव में लाइन बिछाकर पाइप घर-घर लगाये गये हैं, बावजूद इसके आज तक एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो सका है। वहीं मोहल्ला खुशीपुरा में रहने वाले लालसिंह ने बताया कि उसके मोहल्ले में पाइप लाइन तो डाली गयी, लेकिन नलों के पाइप नहीं लगाये गये हैं। जिस कारण यहां के लोगों को यह भी पता नहीं है कि नलों से पानी आता भी है या नहीं। यहां के लोग गांव में दूर स्थानों पर लगे हैण्डपम्पों से पानी भरकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लालसिंह ने गांव में सफाई व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े किये। ग्राम प्रधान विजय सिंह राजपूत से जब पाइप लाइन में पानी न आने की बात पूछी गयी तो उन्होंने दबी जुबान में स्पष्ट कहा कि अधिकारियों के सामने बोलने में डर लगता है। क्योंकि यहां विकास कार्यों में अधिकारी रूचि नहीं ले रहे हैं। बताया कि करीब एक वर्ष पहले यहां कुछ अधिकारी आये थे, जिसके बाद से कोई अधिकारी इस ओर नहीं आया।

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