ललितपुर

श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर तुवन मंदिर से निकली  भव्य कलश यात्रा ।

21अप्रैल से बालाजी मंदिर पर हो रहा भागवत कथा का आयोजन 28अप्रैल को होगा समापन ।

ललितपुर । तालाबपुरा में  डोंडा घाट पर स्थित श्री 1008 बालाजी महराज मंदिर पर श्रीधाम वृंदावन से आए कथा व्यास प़डित श्री जयकिशन दास जी महराज के द्वारा 21 अप्रैल से 28 अप्रेल तक संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का  आयोजन  किया जा रहा । सोमवार की सुबह 10बजे तुवन मंदिर से कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया ।

कलश यात्रा के सुभारंभ से पूर्व भागवत पुराण का  कथा व्यास श्री जयकिशन दास जी की मौजूदगी में मुख्य यजमान दीपक पाठक पंडा जी सापत्नीक तुवन मंदिर पहुंचे वहां पर श्री शिवम कृष्ण शास्त्री जी द्वारा  विधि विधान से मंदिर में विराजे भगवान का एवं श्रीमद्भागवत पुराण का पूजन कराया गया । 

पूजन के उपरांत तुवन मंदिर से  गाजे बाजे के साथ विशाल कलश यात्रा निकाली गई ।

कलश यात्रा में आगे आगे डीजे चल रहा था पीछे बेंड बाजे चल रहे थे ।

कलश यात्रा में कथा के मुख्य यजमान दीपक पाठक पंडा जी भागवत जी को अपने सिर रखकर चल रहे थे । साथ में  श्रद्धालु माता बहिनें अपने सिर पर कलश रखकर भजन गाती चल रही थी । 

इनके पीछे घोड़ा बग्घी पर बैठकर श्रीधाम वृन्दावन से आए कथा व्यास  जयकिशन दास जी महराज चल रहे थे ।

 कलश यात्रा तुवन से होते हुए नरसिंह मंदिर होते हुए निकलते हुए बालाजी मंदिर पहुंची इस दौरान श्रृद्धालुओं द्वारा कलश यात्रा का जगह जगह स्वागत किया गया साथ ही जगह जगह  सभी को शीतल जल पिलाया गया । डोंडा घाट पर बालाजी मंदिर पहुंचकर भागवत जी का पूजन अर्चन किया गया । इस दौरान श्रृद्धालु  माता बहिनों के द्वारा खूब नृत्य किया गया 

 भागवत पोथी को कथा स्थल पर ले जाने के बाद कलश यात्रा का समापन किया गया ।

संध्या काल में कथा के प्रथम दिवस पर कथा व्यास जयकिशन दास जी महराज ने कथा पंडाल में उपस्थित श्रृद्धालुओं से कहा की  बहुत ही सौभाग्य से कथा कराने और श्रवण करने को मिलती हैं । श्रीमद्भागवत कथा को कभी मनोरंजन में नहीं लेना चाहिए यह मनोरंजन का साधन नहीं है । यह कल्प वृक्ष के समान है और साक्षात भगवान कृष्ण है । श्रीमद्भागवत  कथा को पूरी श्रृद्धा और नियम संयम के साथ कराना चाहिए । और कथा श्रवण  के  साथ साथ हमें अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने मुख्य यजमान और कलश रखने वाली माता बहिनों को नियम बताए । उन्होंने अंत में आज की पीढ़ी के नौजवानों की शिक्षा और संस्कार पर चर्चा करते हुए कहा  की आजकल के  बच्चे अच्छी अच्छी शिक्षा तो ग्रहण कर रहे हैं।  लेकिन संस्कारों की कमी होती जा रही है ।  

जबकि बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी बहुत जरूरी ।  कलश यात्रा में 

शिवम कृष्ण शास्त्री जी । 

राम लखन नागाईच पुजारी जी 

राजेन्द्र दीक्षित ,रमेश श्रीवास्तव ,कबीर सिंहा ,राकेश रैकवार राकेश सैनी  देवेन्द्र पाठक, सुधीर श्रीवास्तव ,सुरेन्द्र कुमार खेरा  विजय प्रकाश चौबे , श्रीमती  ममता पाठक ,बंदना तिवारी ,रीता सोनी ,सरोज ,प्रिया कश्यप सहित बड़ी संख्या में माता बहिनें  उपस्थित रहीं।

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