हर साल नई किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते स्कूल : डीएम अमरोहा

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो अमरोहा
अमरोहा। पाठ्यक्रम और यूनिफॉर्म खरीद में स्कूलों की मनमानी पर बुधवार को डीएम ने कलक्ट्रेट में सीबीएसई व मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि स्कूल हर साल बच्चों को नई किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। पाठ्यक्रम में परिवर्तन नियम के अनुसार ही हो सकता है। शासन के निर्देशों के तहत ही स्कूलों का संचालन हो। किसी भी रूप में अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए
कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि स्कूलों को मंदिर का दर्जा दिया गया है, जहां से शिक्षा पाकर एक बच्चा कुशल नागरिक बनकर देश के विकास में योगदान करता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जहां भी अव्यवस्थाएं हैं, अगले 15 दिनों में उनका पूरा कर लें। ऐसा कार्य करें जिससे गरीब का बच्चा भी शिक्षित होकर आगे बढ़ सके। फीस वृद्धि के लिए मानकों का पालन किया जाए। अभिभावकों को हर वर्ष नई किताबें खरीदने के लिए विवश न करें। जो निर्धारित किताबें हैं, उनका ही प्रयोग स्कूलों में किया जाए
एनसीईआरटी की किताबों को खरीदने के लिए शासन के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। स्कूल किसी भी निश्चित दुकान से यूनिफॉर्म व पाठ्यक्रम को खरीदने के लिए बाध्य न करें। बच्चों से किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क की वसूली नहीं की जा सकती। सभी स्कूल वेबसाइट पर ऑनलाइन शुल्क का विवरण अपलोड करेंगे। शुल्क वृद्धि नवीनतम उपभोक्ता मूल सूचकांक से पांच प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
शासन के नियमों का न करें उल्लंघन
डीएम ने कहा कि विद्यालय की नियमावली और शासन के निर्देशों का उल्लंघन अगर किसी भी स्कूल में पाया गया तो संबंधित विद्यालय के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बैठक में सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा, डीआईओएस वीपी सिंह, बीएसए डॉ. मोनिका, जीआईसी के प्रधानाचार्य ललित कुमार समेत सीबीएसई व मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य शामिल रहे