अमरोहा

यूपी पुलिस के सिपाही ने दी जान: इसलिए परेशान थे मोहम्मद उमर, बड़े भाई ने बताई चौंकाने वाली वजह

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो

अमरोहा: रामपुर जिले के गंज थाने में तैनात हेड मोहर्रिर ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को घटनास्थल के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। हेड मोहर्रिर के भाई ने चौंकाने वाली वजह बताई है

रामपुर जिले के गंज थाने में तैनात यूपी पुलिस के सिपाही ने खुदकुशी कर ली। अमरोहा के डिडौली थाना इलाके के जोया के रहने वाले हेड मोहर्रिर मोहम्मद उमर (36) ने गुरुवार को खुद को सरकारी पिस्टल से गोली मारकर जान दे दी। थाना परिसर में ही बने कमरे में वह मृत पाए गए

पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़कर शव निकाला। उनके पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने खुद को डिप्रेशन का शिकार बताया। पुलिस ने आत्महत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर ली है

भाई बोले, वर्कलोड ज्यादा रहता था, इसलिए परेशान थे उमर
मृतक के बड़े भाई जोया निवासी असलम सैफी के अनुसार उन्होंने कुछ दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टी मांगी थी, लेकिन तीन दिन की ही छुट्टी मिली थी। कहा- विभाग से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। उनका भाई बहुत ज्यादा काम के बोझ के तले दबा था। उन्होंने बताया कि भाई बहुत ज्यादा काम का लोड लेते थे और वर्कलोड के कारण ही उन्होंने यह कदम उठाया होगा।

एक माह में तीन पुलिसकर्मी कर चुके आत्महत्या
जिले में एक माह में पुलिसकर्मियों की आत्महत्या का यह तीसरा मामला है। इससे पहले थाना टांडा में तैनात सिपाही ने खुद को अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या की थी। उससे पहले थाना स्वार में सब इंस्पेक्टर ने थाना परिसर में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या की थी

सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे
रामपुर जिले के गंज थाने में सरकारी आवास में गोली मारकर आत्महत्या करने वाले हेड मोहर्रिर मोहम्मद उमर जोया के मोहल्ला इकबाल नगर द्वितीय के रहने वाले थे। सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर के मोहम्मद उमर के परिवार में पत्नी फातिमा के अलावा दो बेटे व एक बेटी हैं। मोहम्मद उमर के पिता मोहम्मद इदा बीमार रहते हैं। बीते एक माह से मोहम्मद उमर मानसिक रूप से परेशान थे। जबकि, कांस्टेबल मोहम्मद उमर के बड़े भाई अल्लाह बख्श गाजियाबाद सीएमओ ऑफिस में क्लर्क हैं।
वहीं, उनके भाई असलम व नवाब खेती के साथ कस्बे में ही आरा मशीन चलाते हैं। मोहम्मद उमर 2011 में कांस्टेबल के पद पर यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। वह पत्नी फात्मा व तीन बच्चों के साथ रामपुर में ही रहते थे। परिजनों के मुताबिक कांस्टेबल मोहम्मद उमर अगस्त के माह में हेड कांस्टेबल की ट्रेनिंग पूरी की थी।
हेड मोहर्रिर के पद पर नहीं रहना चाहते थे
तीन दिन पहले वह पत्नी बच्चों के साथ परिवार से मिलने जोया आए थे। उन्होंने निजी अस्पताल से मानसिक तनाव से जुड़ी दवाई भी ली थी, जिसके बाद वह चले गए थे। परिजनों के मुताबिक मोहम्मद उमर थाने में हेड मोहर्रिर के पद पर नहीं रहना चाहते थे। इस संबंध में उन्होंने कई बार थानाध्यक्ष से कहा था। थानाध्यक्ष ने भी यह बात उच्चाधिकारियों को भी बताई थी।
इसके बाद अधिकारियों ने भी कुछ दिन में हटाने की सहमति दी थी। लेकिन, बृहस्पतिवार सुबह मोहम्मद उमर की आत्महत्या की खबर परिवार के लोगों ने सुनी तो अचंभित रह गए। बुजुर्ग पिता मोहम्मद इदा फफक कर रोने लगे। इसके बाद परिजन रामपुर रवाना हो गए। उमर के आत्मघाती कदम उठाने के बाद पूरा परिवार टूट गया है। दो महीने पहले ही मोहम्मद उमर के सबसे छोटे-भाई बहन की शादी हुई थी

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