सिंगरौली

शराब बेशक हानिकारक है, लेकिन इसके धंधे में खुलेआम बेईमानी की अनुमति किसने दी…?

शराब है तो क्या कोई ‘हिसाब’ नहीं..! वसूले जा रहे बेहिसाब दाम, ना दुकानों के बाहर रेट लिस्ट ना जिम्मेदार कर रहे जांच

सिंगरौली : शराब बेशक हानिकारक है। सभ्य समाज की नजर में बुरी भी, लेकिन इसका मतलब यह कैसे हो सकता है कि इसके धंधे में कोई हिसाब ही ना रहे और ग्राहकों को खुलेआम लूटा जाता रहे। ठेकेदार नियम का पालन न करें और जिम्मेदार आंखें मूंदकर देखते रहे…। यही हो रहा है। ना तो दुकानों पर रेट लिस्ट लगी है और ना ही उसके हिसाब से दाम लिए जा रहे है। रेट वहीं जो ठेकेदार तय कर दे। देशी शराब में कम तो अंग्रेजी में थोड़ी ज्यादा धांधली है।

सरेआम हो रही मनमाफिक वसूली से तंग ग्राहक अब पत्रकारों से इसकी शिकायत कर रहे है। मंगलवार को एक फरियादी आवेदक का कहना है कि शराब दुकान वाले ने अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा रकम वसूल की है। ग्राहक ने सिंगरौली मिरर को बताया कि अधिक दाम का विरोध करने पर दुकान पर काम करने वालों ने उसके साथ बदतमीजी की है।

सिंगरौली मिरर ने जब इसकी पड़ताल की तो शहर की एक भी शराब दुकान के बाहर रेट लिस्ट नहीं लगी मिली। जबकि ग्राहकों की सुविधा के लिए आबकारी आयुक्त ने इसे लगाने का आदेश जारी कर रखा है। प्लेन देशी शराब के पाव की अधिकतम कीमत 70 रुपए है, जबकि इसके 90 रुपए वसूले जा रहे है। देशी मसाला शराब के अधिकतम 90 रुपए की बजाय 110 रुपये (कही-कहीं 115 भी) वसूले जा रहे है। अधिक वसूली के सवाल पर शराब दुकान वाले ग्राहकों से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

करोड़ो की अवैध कमाई

जिले में शराब की 15 समूहों की दुकानें है। एक दुकान से एक दिन में कम से कम 3 हजार पाव (180 एमएल) बिकते हैं और प्रति नग 10 रुपए भी अधिक वसूल होते हैं तो एक ही दुकान की अवैध कमाई 30 हजार रुपए होती है। इस प्रकार जिले की 45 से 47 दुकानों पर एक दिन की अवैध कमाई का आंकड़ा 13 लाख 50 हजार रुपए और महीने में 4 करोड़ 5 लाख रुपए होता है। इस पर आबकारी अधिकारियों को सतत निगरानी रखनी चाहिए, लेकिन वे लाइसेंसी शराब दुकानों को उपकृत करने के लिए अवैध परिवहन और अवैध विक्रय वालों पर कार्रवाई कर रहे है।

यह है आदेश

आबकारी विभाग के आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने 31 मार्च 2025 की शाम 7.36 बजे आदेश ऑनलाइन किया। इसमें साफ लिखा है कि कम्पोजिट मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों को अपनी दुकानों के बाहर मदिरा की दर सूची स्पष्ट अक्षरों में प्रदर्शित करनी है।

जिले में यहां पड़ताल की शराब दुकान, वैढ़न मार्केट, माजन मोड़, नवानगर, विन्ध्यनगर , जयंत, शासन, रजमिलान क्षेत्र की दुकानों पर पड़ताल की कहीं भी रेट लिस्ट नहीं थी ग्राहकों से अधिक दाम की वसूली हो रही थी।

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