मोदी केबिनेट का निर्णय जातियों की गणना को आने वाली जनगणना में किया जाएगा सम्मलित

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
मुरादाबाद। 30 अप्रैल 2025। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजनैतिक विषयों की कैबिनेट समिति ने यह निर्णय लिया है कि जातियों की गणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित किया जाएगा। इससे सिद्ध होता है कि है कि वर्तमान सरकार देश और समाज के सर्वांगिक हितों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है। यह बातें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने मुरादाबाद के सर्किट हाऊस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं।
चौधरी भूपेंद्र सिंह ने पत्रकार वार्ता में आगे कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद की गयी। सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गयी। आजादी के बाद यह पहली बार है कि प्रॉपर सही तरीके से जनगणना के साथ जाति जनगणना कराई जा रही है। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मैं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे बताया कि वर्ष 2010 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर केबिनेट में विचार किया जाएगा। तत्पश्चात एक मंत्रिमण्डल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की। इस समूह में शामिल केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने 2011 की जनगणना में जाति को शामिल करने का विरोध किया और कहा कि जातियों की गिनती जनगणना में नहीं, बल्कि अलग से कराई जाएगी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाए एक सर्वे कराना ही उचित समझा जिसे एसईसीसी के नाम से जाना जाता है। इस पर 4893.60 करोड़ रुपये खर्च किए गए लेकिन जातिगत आँकड़े प्रकाशित नहीं हुए क्योंकि इसमें 8.19 करोड़ गलतियां पाई गई। 28 जुलाई 2015 को सरकार ने इसके बारे में बताया था।
चौधरी भूपेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इस सब के बावजूद, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना के विषय को केवल अपने राजनैतिक लाभ के लिए उपयोग किया। जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है। हालांकि कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है। जहां कुछ राज्यों में यह कार्य सूचारू रूप से संपन्न हुआ है वहीं कुछ अन्य राज्यों ने राजनैतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया है। इस प्रकार के सर्वे से समाज में भ्रांति फैली है। मोदी सरकार के जातिगत जनगणना कराने के निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगा और देश की भी प्रगति निर्बाध चलती रहेगी।
पत्रकार वार्ता में नगर विधायक रितेश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ शैफाली सिंह चौहान, भाजपा जिला अध्यक्ष आकाश पाल, क्षेत्रीय मीडिया सह प्रभारी निमित जायसवाल, जिला मीडिया प्रभारी संजय ढाका महानगर मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता व राहुल सेठी, उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ विशेष गुप्ता, महानगर महामंत्री दिनेश शीर्षवाल, अभिषेक चौबे, नवीन चौधरी आदि उपस्थित रहे।