सिंगरौली

हिर्र्वाह में चल रहा रेत व मिटटी का अवैध कारोबार, कोतवाली कारखास का मिल रहा संरक्षण 

फिर शुरू होने की करार पर अवैध कारोबार, लाला नाम के कारोबारी को मिल रहा प्रशासन का संरक्षण 

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

सिंगरौली। सिंगरौली जिला देश की ऊर्जा राजधानी के नाम से जाना जाता है, आजकल अवैध खनन माफियाओं के कारण सुर्खियों में है। जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिर्र्वाह रेलवे क्रॉसिंग के पास बैढ़न कोतवाली थाना क्षेत्र में इन दिनों खनन माफिया के कब्जे में नजर आ रहा है। सूत्र बताते है कि खासकर ‘लाला’ नामक एक प्रभावशाली माफिया का इस क्षेत्र में इस कदर दबदबा है कि पुलिस प्रशासन तक कार्रवाई करने से हिचक रहा है। सूत्रों की मानें तो बैढ़न कोतवाली के कारखास की लाला पर विशेष मेहरबानी है। यही कारण है कि हिर्र्वाह रेलवे क्रॉसिंग के पास एक ठेकेदार द्वारा रेत और मुरूम की अवैध खुदाई का काम खुलेआम ट्रैक्टरों से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस अवैध खनन के पीछे भी लाला का ही हाथ है। विडंबना यह है कि पुलिस और खनिज विभाग दोनों ही आंख मूंदे हुए हैं।

लोगों के बीच चर्चा में लाला

आप को बता दे शासन-प्रशासन को चुनौती दे रहा है। इससे पहले भी प्रशासन द्वारा कुछ छापेमारी की गई थी, लेकिन वह कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रही। ज़मीनी हकीकत यह है कि अवैध कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है, और स्थानीय ग्रामीणों में भय और असंतोष का माहौल बना हुआ है। बैढ़न क्षेत्र में अवैध रेत और मुरूम खनन की वजह से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। खेतों की जमीन खराब हो रही है, नदियों के किनारे कट रहे हैं, और ट्रैक्टरों की आवाजाही से ग्रामीण सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी और नेता पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं।

प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल

सवाल यह है कि अवैध कारोवारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक संरक्षण है? या फिर कोतवाली स्तर पर ही साठगांठ के जरिए माफिया को छूट दी गई है? स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इस अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में यह स्थिति और भयावह हो सकती है। जनता प्रशासन से मांग कर रही है कि ऐसे प्रभावशाली माफियाओं पर सख्त कार्यवाही हो, कोतवाल की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए।

जब तक शासन-प्रशासन ईमानदारी से कदम नहीं उठाएगा, तब तक अवैध कारोबारी खुलेआम नियमों को कुचलते रहेंगे और आम जनता खौफ के साए में जीती रहेगी।

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