बरेली

दरगाह आला हजरत से जारी हुआ पैगाम

पाकिस्तानी मौलवियों के जाल में न फंसें भारतीय मुसलमान

नेशनल प्रेस टाइम ,ब्यूरो

बरेली। देश में सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों के मरकज (केंद्र) दरगाह आला हजरत ने हिंदुस्तानी मुसलमानों को पाकिस्तानी मौलवियों के जाल से बचने का पैगाम दिया है। उलमा ने कहा कि जंग के हालात के बीच पाकिस्तान हमारा दुश्मन है। इस बीच बहुतेरे पाकिस्तानी मौलवी हैं, जो सोशल मीडिया के जरिये हिंदुस्तान के मुस्लिम नौजवानों को बरगला रहे हैं। उनके वीडियो, पोस्ट और लेख से दूर रहें। इस्लामी सामग्री देखकर बिल्कुल भी धोखा न खाएं क्योंकि वह देश, मसलक और मजहब, सबके खिलाफ हैं। 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जंग के हालात बने हैं। पाकिस्तानी मौलवी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। वे इस्लामी सामग्री के जरिये भारतीय मुसलमानों को ट्रैप करने की कोशिश में हैं। देश के कई हिस्सों से ऐसे खबरें भी आईं, जिसमें मुस्लिम नौजवानों ने पाकिस्तानी पोस्ट शेयर कर दी और उन्हें कानूनी कार्रवाई की जद में आना पड़ा। 

इसी के मद्देनजर दरगाह आला हजरत स्थित मदरसा मंजरे इस्लाम में शुक्रवार को उलमा की मीटिंग हुई। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के हवाले से एक पैगाम जारी किया गया। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने दरगाह का ये पैगाम जारी करते हुए कहा कि, “जंग के माहौल में बहुत कुछ बदल जाता है। हमारे देश पर जिसने हमला किया वो हमारा दुश्मन है। दुश्मन का समर्थन करना या उसकी किसी बात को आगे बढ़ाना। कानूनन अपराध है। ऐसा करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है। आपके साथ परिवार भी मुश्किल में आएगा। बड़ी सावधानी के साथ सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें। आपकी छोटी से गलती पूरे परिवार को मुश्किल में डाल सकती है। जिस कंटेंट में दुश्मन देश की तारीफ हो-उसे बिल्कुल भी शेयर न करें। मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा कि मुल्क से मुहब्बत-वफादारी हमारी मजहबी और संवैधानिक जिम्मेदारी है। इस वक्त बहुत से पाकिस्तानी मौलवी मजहब, शरीयत, इस्लाम और ईमान की बातों वाली पोस्ट शेयर करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो हमारे बुजुर्गों और दरगाहों की शान में गुस्ताखियां करते हैं। इनसे सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि कुछ आजाद ख्याल मौलवी तो आला हजरत, ताजुश्शरिया के फतवों के खिलाफ हैं। वो हमारे मुस्लिम नौजवानों को ऐसी रस्मों और आदतों का आदी बना रहे हैं कि जो आला हजरत के पैगाम के खिलाफ है। इसलिए धोखा न खाएं। 

मुफ्ती जमील खान ने चिंता जताई कि बहुत से नौजवान कम शिक्षा की वजह से यही नहीं समझ पाते है कि जो पोस्ट उन तक आई है वो देश या मजहब के खिलाफ है। वे थम्बनेल देखकर जज्बाती हो जाते हैं। उन्हें ज्यादा सावधान रहना होगा। मौलाना अख्तर ने कहा कि इस वक्त में सोशल मीडिया ऐसा खतरनाक हथियार है, जो जरा सी गलती पर आपको बड़ी मुश्किल में फंसा सकता है। बैठक में मुफ्ती मोहम्मद मोईन, मुफ्ती मुजीब आलम, मौलाना कलीमुर्रहमान आदि मौजूद रहे।

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