रात के अँधेरे में मशीनों से हो रहा मनरेगा का काम, ज़िम्मेदार बंदरबाट में

सेमरिया पंचायत में मशीनों से हो रहा में तालाब निर्माण का काम, मजदूर रोज़गार की तलाश में
सिंगरौली। सरकार की मनरेगा योजना, जो गरीबों को गांव में ही रोजगार देने का लक्ष्य रखती है, अब भ्रष्टाचार और धांधली का शिकार हो रही है. सिंगरौली ज़िले के वैढ़न ब्लॉक के सेमरिया गांव में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण के नाम पर अनियमितताएं और घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां काम देर रात में श्रमिकों के बजाय मशीनों से किया जा रहा है, ताकि घटिया मटेरियल और काम की गुणवत्ता छिपायी जा सके. जबकि नियमों की बात करें तो मनरेगा के तहत तालाब निर्माण की ढलाई व बधाई रात में नहीं की जा सकती.बता दें कि गांव में मनरेगा योजना के तहत लगभग 15 लाख रुपये की लागत से तालाब निर्माण का कार्य चल रहा है. हालांकि, इस योजना का उद्देश्य था कि गांव के गरीब मजदूरों को रोजगार मिले, लेकिन मुखिया और ग्राम पंचायत अधिकारी अपनी मिलीभगत से इस मंशा को विफल कर रहे हैं. आरोप है कि तालाब निर्माण का कार्य जॉब-कार्डधारकों से न कराकर जेसीबी व मशीनों से कराया जा रहा है. इसके अलावा, स्थानीय दलालों की मिलीभगत से कागजों में काम तो दिखाया जा रहा है, लेकिन असल में मजदूरों को काम का कोई लाभ नहीं मिल रहा. जबकि दर्जनों जॉब-कार्डधारक महिलाओं का ऑन-द-स्पॉट फोटोग्राफी कर खानापूर्ति दर्ज की जाती है. लेकिन यहां नहीं किया जा रहा है. यहां महिलाओं का नाम और उपस्थिति फर्जी तरीके से दर्ज की जा रही है, जबकि असल में वे काम पर नहीं हैं. यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ गरीब मजदूरों का हक मारने और सरकारी धन की बंदरबांट के लिए की जा रही है।
सरपंच सचिवों व रोजगार सहायकों की मनमानी पर नहीं लग पा रहा अंकुश
एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार मनरेगा मजदूरों को सशक्त व मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों का शोषण कोई और नहीं बल्कि पंचायत विभाग के सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं जनपद पंचायत के वरिष्ठ अधिकारियों के मिली भगत के कारण लगातार मनरेगा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है मनरेगा के कार्यों में मनरेगा मजदूरों को दरकिनार कर लगातार जेसीबी मशीन से निर्माण कराया जा रहा है लेकिन जब वरिष्ठ कार्यालय को इसकी सूचना दी जाती है तो वरिष्ठ अधिकारी बिल्कुल अनजान बनने की कोशिश करते हैं अब तक इस पर जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायकों का मनोबल बढ़ा हुआ है और सरपंच सचिवों का मनोबल बढ़ाने में जिला प्रशासन का अहम भूमिका है।
सेमरिया सरपंच सचिव रोजगार सहायक का हर कदम भ्रष्टाचार की ओर
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत सेमरिया में जब से राम सनही पनिका सरपंच चुने गये है लगातार मनरेगा के कार्यों में धड़ल्ले से जेसीबी मशीनों के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है जबकि इस विषय पर वरिष्ठ कार्यालय को लगातार अवगत कराया गया है इसके बावजूद भी सरपंच सचिवों रोजगार सहायकों के मनमानी पर लगाम नहीं लग पा रहा है सरपंच सचिवों को बिल्कुल भी किसी भी प्रकार का डरभय नहीं रहता है कि हमें पंचायत के नियमों का पालन करते हुए तालाब निर्माण में मनरेगा नियमावली के तहत निर्माण कार्य कराया जाना चाहिए लगातार पंचायत नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध कार्य को करने में सरपंच सचिव सफल हो रहे हैं और जनपद पंचायत,जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी इनके मनमानी रवैये पर लगाम लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं अब आप खुद समझिए कि जब खुद जो जिम्मेदार अधिकारी हैं उन्हें सब कुछ जानकारी होने के बावजूद भी अनजान बने बैठे हैं और पूरे जिले में मनरेगा नियमों में भर्रेशाही मची है लेकिन जिला प्रशासन सरपंच सचिवों को खुला छूट दे रखा है इसलिए सरपंच सचिव नरेगा कार्यों में बेरोकटोक धड़ल्ले से मशीनों के माध्यम से कार्य करा रहे हैं आपको बता दे वैसे ग्राम पंचायत सेमरिया नरेगा जॉब कार्ड पोर्टल पर 538 मजदूर पंजीकृत है लेकिन उनमें कुछ मजदूर ऐसे हैं कि उनका घर परिवार मजदूरी करके ही चलता है लेकिन उन मजदूरों को पंचायत में रोजगार नहीं दिया जाता है सरपंच सचिव नरेगा जॉब कार्ड पोर्टल पर फर्जी खाता अकाउंट फिट कर राशि आहरण करते हैं।