ललितपुर

 किस्मत से जिसके घर में भी आती हैं बेटियां…

उर्स शरीफ के पहले दिन कब्बाली की जमी महफिल

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो ललितपुर 

ललितपुर महरौनी हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता के प्रतीक सैय्यद अहमद शाह बाबा के सालाना उर्स जलसे के पहले दिन कव्वाली प्रोग्राम की धूम रही। सांस्कृतिक सद्भावना मंच से अतिथि कब्बााल ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन कलाम और गजलें प्रस्तुत की जिन पर रातभर श्रोता झूमते रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नीलम दुष्यंत बडौंनियां नगर पंचायत अध्यक्षा महरौनी, विशिष्ट अतिथि बृषभान यादव एड, अकबर खां एड, इस्लाम खां जूजू माते, रमजानी दादा, रज्जब अली खादिम, अतिथि पार्षदगण पवन जैन मैगुवां, अनिल शर्मा, अनूप अहिरवार, रवि अहिरवार, मुकेश श्रीवास्तव, सुरेश अहिरवार आदि ने विधिवत फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। नगर पंचायत अध्यक्षा प्रति‍निधि दुष्यंत बडौनियां ने अपने उद्वोधन में कहा कि महरौनी में यह उर्स शरीफ का कार्यक्रम साम्प्रदायिक सौहार्द एवं भाईचारा बढ़ाने वाला है। मैं इस कार्यक्रम के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। साथ ही उन्होने कहा कि मंच के सामने टीनसेड में पंखा, लाईट आदि का कार्य एवं दरगाह के आस पास कमेटी जो भी कार्य करने हेतु कहेगी उसे पूरा किया जायेगाा 

युसुफ शोला कब्बाल मुम्बाई ने अल्लाह की शान में ”तू रहीम है मौला, तू करीम है मौला, तू ही अपने बन्दों पर रहम करने वाला है”, नबी शान में ”हबीबे खुदा की जरूरत पड़ेगी, सहे अम्‍बीया की जरूरत पड़ेगी, कयामत में गुनहगार सबको, मेरे मुस्तफा की जरूरत पड़ेगी”, ”मालिक ने बनाये सारे, ये दोनों जहां के नजारे नवी के वास्ते, नवी के वास्तेत”, तो वही अजमेरी ख्वाजा की शान में ”झुकी झुकी सी अगर जमी है, कसम खुदा की हमें यकीं है, हमारा ख्वााजा यहीं कहीं है” ”दुनिया के किसी कौने में नाकाम नहीं हूं, ख्वाजा जी का नौकर हूं कोई आम नहीं हूं” आदि कलाम पेश किए। 

इसके बाद मौला अली की शान में ”या मौला अली, या मौला अली, है शेरे खुदा दामादे अली, या मौला अली, या मौला अली” देश की शान में ”मेरे वतन की बात ही क्याे है, ऐसा रूतवा पाया है, छोड़ के घर मेरे ख्वाजा ने हिन्दुस्तान अपनाया है” आदि पर स्रोतागण खूब झूमते दिखे।

फिर गजलों का दौर शुरू हुआ तो ”किस्मत से जिसके घर में भी आती हैं बेटियां, रहमत खुदा की साथ में लाती हैं बेटियां”, ”ये दुनियां प्यार के किस्से मुझे जब भी सुनाती है, बो लड़की याद आती है”, ”दिल तोड़ दिया है जब से, भरोसा नहीं किया, लेकिन किसी से साथ, धोखा नहीं किया”, ”तुम्हें क्या हमें भी पता है पता है, जवानी का आलम नशा है नशा है” पेश कर खूब बाहबाही लूटी।

मंच संचालन संजय पाण्डेय भारत ने किया।

इस मौके पर सदर रहबर अली, खजांची परवेज अली, शाहिल निजामी, इमाम राईन, लखन लाल झा, इवरान खां एडवोकेट, फिरोज सिद्दीकी, जफर खान बाबू,  अखिलेश मलैया, समद खान एडवोकेट, साबिर अली, सरफराज अली एडवोकेट, अज्जू राईन, जावेद अख्तर, आमिर अली, महमूद मंसूरी, नफीस खान, इरफान रहमानी, मु. आमिर मंसूरी, जावेद पठान, मोहम्मद खां एडवोकेट, मोहब्बमत अली रिजवी, नसीम मंसूरी, सलमान खान, वफाती खान, बली मोहम्मद, मु. अमजद खान, बाबू भाई बांदा वाले, सैफ अली, शिवराहीम मंसूरी, मुनीर वक्स, अय्युब खां, इरसाद अली पन्ना, फरहान खान, फैजान अली, नसीम मंसूरी, अमजद खान, मुहिब खान, रिहान राईन, पवन तिवारी, इमरान रजा, जुनैद अख्तर, नावेद खान, साकिब खान, अमन हाशमी, अयान खान सहित अनेक कमेटी पदाधिकारी एवं नगर के अनेक लोग मौजूद रहे।

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