शमी की बहन की ससुराल से जुड़ा मनरेगा घोटाला मामला

तीन पंचायत सचिवों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक, एफआईआर में आठ कर्मचारी नामजद
नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो
अमरोहा , बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना की ससुराल से जुड़े तीन तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिवों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार शाम करीब चार बजे कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल न होने और अगली सुनवाई तक तीनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इससे पहले कोर्ट ने इसी मामले में आरोपी तत्कालीन लेखाकार विजेंद्र पाल की गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई थी।
फरवरी 2025 में मीडिया ने अमरोहा के जोया ब्लॉक की ग्राम पंचायत पलौला में मनरेगा मजदूरी में घपले का चौंकाने वाला खुलासा किया था। यह वही गांव है जहां क्रिकेटर शमी की बहन शबीना की ससुराल है और उनकी सास गुले आयशा मौजूदा ग्राम प्रधान हैं। खुलासे में सामने आया था कि शमी की बहन, बहनोई गजनवी और परिवार के 18 सदस्यों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर लाखों रुपये की मजदूरी निकाली जा रही थी
डीएम ने कराई जांच, हुई रिकवरी
मामला सामने आने पर डीएम निधि गुप्ता वत्स ने जांच बैठाई थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर ग्राम प्रधान से ₹8,68,344 की रिकवरी कराई गई। साथ ही आठ संबंधित कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। जांच के बाद 3 मार्च को बीडीओ जोया लोकचंद की तहरीर पर डिडौली कोतवाली में तत्कालीन पंचायत सचिव पृथ्वी सिंह, अंजुम, हुमा परवीन, लेखाकार विजेंद्र सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेश, एपीओ बृजभान सिंह और सेवा मुक्त ग्राम रोजगार सेवक झम्मन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई
हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी
एफआईआर के बाद पंचायत सचिव हुमा परवीन, अंजुम और पृथ्वी सिंह ने गिरफ्तारी से बचाव के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें फिलहाल गिरफ्तारी से राहत दे दी है।

