मंत्री दीपिका ने अबुआ आवास योजना में धीमी प्रगति पर जताई नाराज़गी

कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं, ज़िम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
गोड्डा : झारखंड की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अबुआ आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण की धीमी प्रगति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार की मंशा और जनता की उम्मीदों के अनुरूप काम नहीं करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान पूर्ण आवासों की अत्यंत कम संख्या पर नाराज़गी जाहिर करते हुए मंत्री ने समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित आवासों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराया जाए और गृह प्रवेश कार्यक्रमों का जिलावार आयोजन सुनिश्चित किया जाए।
मंत्री ने यह भी कहा कि निर्माणाधीन आवासों के जियो टैगिंग के 10 दिनों के भीतर किस्त का भुगतान नहीं होना घोर लापरवाही है। उन्होंने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों और योजना से जुड़े प्रखंड स्तरीय कर्मियों की जिम्मेदारी तय कर, उनके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मंत्री ने कहा कि लाभुकों को समय पर भुगतान मिले यह विभाग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। योजना के तहत लाभुकों को स्वयं अपने आवास का जियो टैगिंग करने की सुविधा दी गई है, लेकिन संबंधित कर्मियों द्वारा सात दिनों में सत्यापन नहीं करने पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
वहीं सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि जियो टैगिंग सत्यापन के बाद योजना की राशि लाभुकों के बैंक खाते में तत्काल हस्तांतरित की जाए। मंत्री ने इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई या गड़बड़ी पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाने की चेतावनी दी है। 15 जून 2025 तक 1 लाख आवास पूर्ण करने का लक्ष्य सभी जिलों को दिया गया है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत सभी आवासों को अगले 6 माह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्री ने रिक्त पदों को शीघ्र भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा है, जिससे कार्यप्रणाली में गति और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित हो सकें।मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार, दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि “अबुआ आवास योजना केवल एक योजना नहीं, झारखंड के गरीब और वंचित परिवारों के सम्मान का प्रतीक है। इसमें कोई भी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”