मनरेगा में कमजोर बनी हुई है रोजगार की मांग, 90फीसदी जाब कार्ड खाली पड़े

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो
अमेठी। दिशा की बैठक 26 मई को विकास भवन सभागार में बुलाई गई है। बैठक के पहले केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं की खामियों में सुधार और प्रगति रिपोर्ट को अपडेट करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारी रोज समीक्षा बैठक कर रहे हैं। शनिवार को जिला उपायुक्त मनरेगा शेर बहादुर ने विकास खंड सभागार अमेठी में तहसील अमेठी के चार विकास खंडों की बैठक कर प्रगति में सुधार के निर्देश दिए। उपायुक्त ने खंड विकास अधिकारियों को पुराने पूर्ण कार्यों की आई डी को बंद करने और वृक्षारोपण कार्य के लिए सभी ग्राम पंचायतों से कार्ययोजनाएं और इस्टीमेट तैयार कराने और नये कार्यों की आई डी जेनरेट करने के निर्देश दिए।
दिशा की बैठक के एजेंडे में पहला बिंदु मनरेगा है। मनरेगा केंद्र सरकार की स्कीम है। मनरेगा की स्थिति पूरे प्रदेश में सबसे अधिक खराब है। मजदूरों और कार्मिकों को कभी भी समय से मजदूरी और मानदेय का भुगतान नहीं होता।मजदूरी मार्केट रेट से काफी कम होने के कारण मजदूर मनरेगा के कार्य करने को बड़ी मुश्किल से तैयार होते हैं। रोजगार की मांग लगभग शून्य हो गई है। ग्राम प्रधान अपनी जेब से मजदूरी के पैसे देकर जैसे तैसे काम करा रहे हैं।
शनिवार को जिला उपायुक्त मनरेगा ने अमेठी, भादर, भेंटुआ और संग्रामपुर विकास खंड के खंड विकास अधिकारियों के साथ बैठक की। इन विकास खंडों में इस समय काम करने वाले मजदूरों की संख्या काफी कम हो गई है। उपायुक्त ने कहा कि मजदूरी की धनराशि के बकाया भुगतान लगभग पूरा हो चुके हैं। सभी खंड विकास अधिकारी नये कार्यों को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने की कार्यवाही शीघ्र पूरा कराएं। वृक्षारोपण कार्य को वरीयता पर रखें।
इनसेट
पांच विकास खंडों में एक हजार से कम है कार्यस्थलों पर श्रमिकों की संख्या
अमेठी। शनिवार को जिले की 171ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम शून्य रहे। अमेठी, भादर, भेंटुआ, शाहगढ़ और संग्रामपुर में मजदूरों की संख्या एक हजार से कम रही।
24अप्रैल को जिले में काम करने वाले मजदूरों की संख्या 7813थी।24मई को एक महीने बाद यह संख्या 14123है। अभी भी 90फीसदी जाब कार्ड खाली पड़े हुए हैं।