झामुमो का मांग: ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर संसद में हो चर्चा

एनपीटी
रांची, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केन्द्रीय सचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और केन्द्र सरकार पर कई सवाल खड़े किए। साथ ही उन्होंने भारतीय जनसंघ के एक मात्र सांसद अटल बिहारी वाजपेयी की कथन पर संसद की गरीमा बनाये रखने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की कार्यशैली को साझा भी किया । लेकिन उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भाजपा की ओर से निकाली जा रही तिरंगा यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा के नेता हर उस राज्य में जा रहे हैं, जहां चुनाव होने वाले हैं, लेकिन वे मणिपुर और पहलगाम नहीं जायेंगे। सुप्रियो ने कहा कि हाल ही में हुई नीति आयोग की बैठक में देशभर के मुख्यमंत्री शामिल हुए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने केवल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठना पसंद किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बातों को नजरअंदाज किया गया और भाजपा शासित राज्यों की बातों पर अधिक ध्यान दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के मुद्दे पर केन्द्र सरकार ने एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को विदेश दौरे पर भेजा है। सुप्रियो ने सवाल उठाया कि इस प्रतिनिधिमंडल ने विदेश जाकर क्या हासिल किया, इसकी जानकारी सभी दलों को सार्वजनिक रूप से दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। सुप्रियो ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद खत्म करने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन इसे सीजफायर के नाम पर रोक दिया गया। जबकि सीजफायर आमतौर पर युद्ध के दौरान होता है। इसमें अमेरिका की भूमिका भी संदिग्ध है। क्या हम अमेरिका से डरते हैं? अमेरिका ने तो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का साथ दिया था। फिर हम अमेरिका की बात क्यों मानें? सीजफायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति के इशारे पर की गयी है।” उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय सभी दल मोदी सरकार के साथ खड़े थे, इसलिए उससे जुड़ी हर बात प्रधानमंत्री मोदी को संसद के सामने रखनी चाहिए। झामुमो संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करता है, ताकि इन सभी मुद्दों पर केन्द्र सरकार जनता और संसद के सामने स्पष्ट जवाब दे।