कैराना

आबादी में फर्राटा भर रहे रेत के ओवरलोड डंपर

एनपीटी कैराना ब्यूरो

कैराना। यमुना नदी से भरकर रेत के ओवरलोड डंपर आबादी में बेरोकटोक फर्राटा भर रहे हैं। ये वाहन कई बार लोगों की जान भी लील चुके हैं। ग्रामीणों ने वाहनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि दबंगई के बल पर वाहनों को निकाला जा रहा है, जिस कारण मकानों में भी दरारें आ रही हैं। उन्होंने एसडीएम को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
   शनिवार को गांव मलकपुर व अन्य गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर संपूर्ण समाधान दिवस में एसडीएम को शिकायती पत्र दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव मलकपुर से करीब दो किमी. की दूरी पर बालू खनन का ठेका छोड़ा गया है। जहां से निकलने वाले रेत के वाहनों का रूट यमुना के तटबंध से सीधे हाईवे पर निकलने के लिए निर्धारित किया हुआ है। इसके बावजूद रेत के ओवरलोड वाहन बेरोकटोक मलकपुर गांव के मुख्य मार्ग आबादी के बीच से होकर गुजरते हैं। इन वाहनों में 800 से एक हजार कुंतल तक रेत भरी जाती है। मना करने के बावजूद भी दबंगई के बल पर वाहनों का संचालन हो रहा है। अधिकतर डंपरों पर नंबर प्लेट भी नहीं होती है। कुछ आपराधिक लोग भी इसमें शामिल हैं, जिनके द्वारा लठबाजी की जाती है। ग्रामीणों को धमकी भी दी जाती है। ओवरलोड वाहनों से मार्ग पर जहां रेत उड़ती है और मार्ग के किनारों पर रेत पड़ी हुई है। डंपरों के डर से कोई भी दुपहिया चालक अपने वाहन को सड़क किनारे पर लेकर जाता है, तो वह फिसल जाता है। इस प्रकार कई हादसों में लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा कुछ दिन पूर्व मलकपुर गांव के निकट रेत के ओवरलोड डंपर द्वारा कुचले जाने से डेढ माह की मासूम बच्ची और उसके पिता की मौत हो गई थी। अन्य हादसे में भी डंपर जान लील चुके हैं। पत्र में बताया गया कि दबंग लोगों के नाबालिग बच्चे और अप्रशिक्षित नौकर डंपर चलाते हैं। हादसा होने पर मुख्य आरोपी के बजाय अन्य को पुलिस के समक्ष लाईसेंसधारक व्यक्ति को पेश कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि ओवरलोड डंपरों के कारण मकानों में भी दरारें आ रही हैं। विरोध करने पर उन्हें डंपर चढ़ाकर मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने आबादी में चलने वाले रेत के ओवरलोड वाहनों से निजात दिलवाने की मांग की है। एसडीएम ने उन्हें आश्वासन दिया है। इस दौरान मोहित सैनी, फारूख चौधरी मंडावर, राशिद, नईम आदि मौजूद रहे। कई बार रूकवाया रास्ता, नहीं मानते माफिया
प्रशासन की ओर से तटबंध के निकट आबादी की ओर आने वाले रास्ते में जेसीबी मशीन से खुदाई कराते हुए रेत के डंपरों का रूट अवरूद्ध कराया गया था। उन्हें तटबंध से ही जाने की हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद माफिया इस रास्ते को चालू कर लेते हैं और दबंगई के बल वाहनों को आबादी के बीच से ही निकाला जाता है। पिछले दिनों जब ओवरलोड डंपर ने पिता—पुत्री की जान ली, तो उस समय सपा विधायक नाहिद हसन भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। लेकिन, अभी तक भी इन ओवरलोड वाहनों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। एआरटीओ भी ओवरलोड पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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