असमराजनीति

विधायक अखिल गोगोई ने कोकराझार में आयोजित असम विधानसभा सत्र में बीटीआर समझौते पर किया सरकार की कड़ी आलोचना ।  

एनपीटी असम ब्यूरो

असम विधानसभा का बजट सत्र पहली बार असम के कोकराझार जिले में आयोजित हुआ। असम विधानसभा का बजट सत्र आज सोमवार को गरमागरम स्थिति के बीच शुरू हुआ।  सत्र में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के भाषण के बीच शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अखिल गोगोई ने बीटीआर समझौते को पूरी तरह लागू करने की मांग करते ही बैठक का माहौल गर्म हो जाता है। राज्यपाल के संबोधन के दौरान, गोगोई ने बार-बार 2020 के बीटीआर समझौते पर सवाल उठाया और चिल्लाया, “2020 में हस्ताक्षरित बीटीआर समझौते के बारे में क्या कहेंगे ?  इसकी वर्तमान स्थिति का उल्लेख कीजिए। बीटीआर समझौते के लिए मंत्रालय कब लागू होगा? अब हम बीटीआर क्षेत्र में हैं, फिर भी आपके इस भाषण में बीटीआर समझौते का कोई उल्लेख नहीं है। कृपया इसके बारे में बताएं, सर। बोडो लोगों के सपने कब पूरे होंगे और उनके बलिदान को कब सम्मान दिया जाएगा?’ इस तरह राज्यपाल के अभिभाषण के बीच में ही विधायक अखिल गोगोई ने सवाल खड़े कर दिए और हालात को एक तरह से अशांत कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी इसे नियंत्रित करने की कोशिश करते रहे । हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने सदन की कार्यवाही डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दी और विधायकों से शिष्टाचार बनाए रखने का आग्रह किया। विधानसभा के बजट सत्र से पहले मीडिया से बात करते हुए अखिल गोगोई ने कहा कि  “सरकार को आज बीटीआर समझौते को 100% लागू न करने पर जवाब देना होगा। साथ ही जेल में बंद एनडीएफबी के कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए। गोगोई ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भी वे अभी भी जेल में हैं। विधायक अखिल गोगोई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से जारी पैसा बीटीआर समेत छठी अनुसूची क्षेत्र में दिया जाए। आज का सत्र खत्म होने के बाद भी विधायक अखिल गोगोई ने इस बात को फिर से मीडिया के सामने उठाया और सरकार से ऐसा करने की मांग की।  

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