झारखंड

झारखण्ड विधानसभा बजटीय सत्र में जिला पाकुड़ के हितार्थ क्या हो सकता है खास? मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल या फिर औद्योगिक इकाई? क्या सपने होंगे सकार?

एनपीटी झारखण्ड ब्यूरो

झारखण्ड राज्य के पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर आमजनों के मुताबिक पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलामगीर आलाम को व्यवहारिक रूप से सरल स्वभाव व अच्छे इन्सान की व्यक्तित्व रखने की श्रेय/ प्रायोरिटी देते हैं। मगर बीते कई महीना पहले पूछताछ के दौरान ईडी द्वारा हिरासत में लेने और फिर जेल में डाले जाने के पश्चात क्षेत्र के आमजनों की हृदय में हुई सहानुभूति की समायोजन एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अथक प्रयास व हेमन्त सोरेन- कल्पना सोरेन की खटाखट- खटाखट वाली शब्दोच्चारण जो मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के तौर पर एक हजार के बदले ढाई हजार सरकार बनते ही प्रतिमाह देने की असर से झारखण्ड विधानसभा निर्वाचन- 2024 में सार्वाधिक मतों से विजयी रहे पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक निशात आलम के द्वारा बीते दिनों पहली बार पाकुड़ सदर अस्पताल सोनाजोड़ी का जायजा लिया गया जो सकारात्मक पहल की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने की लक्ष्य को दर्शाया। मगर आधुनिक वैश्विक दौर में पाकुड़ को संवारने की दिशा में विविध स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था, अच्छी शिक्षा व्यवस्था व रोजगार की आयाम स्थापित करने की जरूरत को हृदय की एहसास में पाकुड़ वासियों की जरूरतों का ध्यान केन्द्रित करते हुए उपचार/शिक्षा / रोजगार सम्बन्धी आवश्यक अवयवों को सुनिश्चित करने की इच्छा शक्ति को तवज्जो देने होंगे। तभी माकूल इंतजाम की दिशा में विविध स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था अन्य अवयवों को स्थापित करने की लालट प्रकट में आयेगी। पाकुड के आम- जनों सहित बुद्धिजीवियों के मुताबिक अब-तक के जनप्रतिनिधि सहित राज्य/ केन्द्र सरकारें भी पाकुड़ जिला वासियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था उपलब्ध कराने की ध्यानार्थ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल स्थापित नहीं करा सके और न ही रोजगार की अवसर/ आयाम स्थापित करने की दिशा में इंडस्ट्रीज/ औद्योगिक इकाई स्थापित करा सके। अपेतु इस दिशा में सिर्फ ना कामयाब ही नहीं, बल्कि फिसड्डी भी साबित हुए। बहरहाल जो भी हो हेमन्त सरकार 2.0 का झारखण्ड विधानसभा बजटीय सत्र का आगाज 24 फरवरी 2025 को प्रारम्भ हो चुकी है जो 27 मार्च 2025 तक सदन की आवाज अखबारों के पन्नों में सुर्खियां बटोरेंगे। ऐसे में जिला पाकुड़ के तीनों (महेशपुर, लिट्टीपाड़ा व पाकुड़) विधानसभा क्षेत्र के विधायकों के द्वारा अपने – अपने क्षेत्र की सार्वांगीण विकास के लिए ढांचागत बुनियादी सुविधाएं जैसा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के ध्यानार्थ साइंस/ मेडिकल/ इंजीनियरिंग की पढ़ाई व्यवस्था की आयाम समेत विविध स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था ( मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) की उत्कृष्ट आयाम स्थापित कराने की अवयवों के साथ – साथ रोजगार की अवसर ( औद्योगिक इकाई) स्थापित कराने की अवयवों को सुनिश्चित कराने की शब्दोच्चारण विधानसभा के बजटीय सत्र के दौरान सार्वजनिक करा पाने की भूमिका शत- प्रतिशत अदा होने की बिन्दुओं पर जिला वासियों समेत मीडिया की नजर स्वाभाविक है कि उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे होंगे। वही 1994 में पाकुड़ जिला स्थापना के पश्चात पूर्व डीसी राधेश्याम बिहारी के कार्यकाल को काफी सराहा गया है और पुनः पाकुड़ में पहली बार डीसी के रुप में पदास्थापित हुए युवा डीसी मनीष कुमार ने पाकुड़ जिला को विकसित जिला के रूप में स्थापित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं, जिसकी झलक अल्प समय अवधि में ही महसूस की जा रही है। साथ ही पाकुड़ वासियों में भी समायोजित हुआ है कि शायद डीसी मनीष कुमार की अहम भूमिका से जिला की तस्वीर बदल सकती है। उनकी जो अनुखा थीम है कि पिछड़ता पाकुड़ से पछाड़ता पाकुड़ की शब्दोच्चारण का समायोजन हो, वो काबिले तारीफ है जो पाकुड़ को संवारने की सहायक भूमिका को समायोजित कर सकता है।

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