महागामा में जुगाड़ गाड़ी ने ली एक की जान

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
महागामा/गोड्डा : जिले के महागामा थाना क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार न सिर्फ खुलेआम फल-फूल रहा है, बल्कि अब यह जानलेवा भी बनता जा रहा है। सोमवार की देर शाम शीतल गांव में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया।शीतल गांव में एक खाली जुगाड़ गाड़ी ने तेज रफ्तार में बाइक सवार युवक मो. दिलशाद को जोरदार टक्कर मार दिया। जिसकी उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद जुगाड़ चालक मौके से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सतर्क ग्रामीणों ने सरभंगा-सरोतिया मार्ग पर उसे पकड़ लिया। सूचना मिलते ही महागामा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने जुगाड़ गाड़ी को जब्त कर लिया है और चालक से पूछताछ जारी है। मृतक की पहचान की पुष्टि हो चुकी है और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। इस हादसे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी के कारण इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कोयला माफिया बेखौफ होकर दिन-रात जुगाड़ गाड़ियों से कोयले की ढुलाई कर रहे हैं, जिससे सड़कें असुरक्षित हो चुकी हैं। कोयले की यह अवैध तस्करी प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे चल रही है, लेकिन रोकथाम के कोई ठोस प्रयास नहीं दिख रहे। बताया जा रहा है कि इस धंधे से हजारों लोग जुड़े हुए हैं और इसमें सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। इस अवैध धंधे में सुबह 5 से 8 बजे तक मात्र तीन घंटे काम करने पर 1,500 से 2,500 रुपये तक की आमदनी होती है। यही कारण है कि बेरोजगार युवाओं को यह रास्ता आसान और फायदेमंद लग रहा है, लेकिन इसकी सामाजिक और कानूनी कीमत अब लोगों की जान देकर चुकानी पड़ रही है।
क्या अब भी प्रशासन जागेगा?
आजाद आलम की मौत ने एक बार फिर इस काले कारोबार की भयावहता को सामने लाकर खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और पुलिस इस पर कोई कड़ा कदम उठाएंगे, या फिर यह हादसा भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?