असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एपीएससी घोटाले को लेकर किया कांग्रेस की कड़ी आलोचना।

एनपीटी असम ब्यूरो
असम में चल रहे बजट सत्र के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) घोटाले को लेकर पिछली कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की है। इसपर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि, अगर भाजपा सत्ता में नहीं आती तो वंचित युवाओं को नौकरी नहीं मिलती। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “अगर भाजपा सरकार नहीं बनाती तो कोई भी वंचित युवा एपीएससी की तीसरी और चौथी श्रेणी की नौकरी नहीं पा सकता था। अगर आप पूर्व एपीएससी अध्यक्ष राकेश पॉल की सूची देखें तो उसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी शामिल नहीं किया गया था। केवल पैसे और महिलाएं ही निशाने पर थीं।” उन्होंने आगे दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब खुद ही अपनी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि एपीएससी घोटाले के दौरान कई लोगों को नौकरी के अवसरों से वंचित रखा गया था। “विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस कार्यकर्ता भी निराश हैं क्योंकि उनके नेताओं ने उनके परिजनों को नौकरी नहीं दिलाई। इस टिप्पणी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जिससे एपीएससी घोटाले की जांच को लेकर चल रहे विवाद में और आग लग गई है। इस टिप्पणी पर असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने एपीएससी घोटाले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि “हम मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार सरमा समिति द्वारा की गई जांच में कई सिफारिशें की गई हैं, लेकिन वर्तमान सरकार उन पर कार्रवाई करने में अनिच्छुक है। ऐसा लगता है कि सरकार कुछ अधिकारियों को बचाना चाहते हैं, जिसके कारण सरकार उचित हलफनामा दायर नहीं कर रहे हैं। इस तरह देबब्रत सैकिया ने सरकार पर कुछ अधिकारियों को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है।