गोवध अधिनियम समेत सात मामलों में आठ दोषी, सुनाई सजा

एनपीटी उत्तर प्रदेश ब्यूरो
कैराना। गोवध अधिनियम, चोरी व मारपीट सहित सात अलग—अलग मामलों में कोर्ट ने आठ आरोपियों को दोषी करार दिया। दोषियों को सजा सुनाई गई है।
वर्ष 2019 में झिंझाना थाने पर गांव पीरखेड़ा निवासी राजकुमार के विरूद्ध लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में मंगलवार को दोषी को न्यायालय उठने तक की अवधि की सजा और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। दूसरे मामले में वर्ष 2014 में कैराना कोतवाली पर अफसर निवासी गांव भूरा के विरूद्ध चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से चोरी का माल भी बरामद किया था। मामले में कोर्ट ने दोषी को जेल में बिताई गई अवधि के कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं, 2017 में झिंझाना थाने पर गांव होशंगपुर निवासी नोबिल व उसकी पत्नी पिंकी के विरूद्ध मारपीट और धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। दोषियों को न्यायालय उठने तक की अवधि की सजा और 2500—2500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया। चौथा मामला वर्ष 1997 का है, जिसमें शामली कोतवाली पर वीरेंद्र निवासी ग्राम गढ़ी थाना कांधला के विरूद्ध चोरी एवं माल बरामदगी के तहत दर्ज हुआ था। कोर्ट द्वारा दोषी को जेल में बिताई गई अवधि और 100 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। पांचवें मामले में वर्ष 1999 में झिंझाना थाने पर गांव टपराना निवासी शानू के विरुद्ध गोवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मामला भी कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। कोर्ट ने आरोपी के दोषी पाए जाने पर जेल में बिताई गई अवधि के कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। छहवें मामले में वर्ष 2023 में चौधरी चरण सिंह कॉलोनी निवासी विपिन लाटियान के विरूद्ध चोरी की संपत्ति छिपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी को न्यायालय उठने तक की अवधि की सजा सुनाई और सात हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया गया। इनके अलावा वर्ष 2017 में कैराना कोतवाली पर गांव खुरगान निवासी नरेश के विरूद्ध रेत चोरी एवं बरामदगी तथा खनन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में दोषी को जेल में बिताई गई अवधि के कारावास और छह हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।