डीजीपी नियुक्ति को ले बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

एनपीटी झारखण्ड ब्यूरो,
झारखण्ड : सुप्रीम कोर्ट में बाबूलाल मरांडी ने अवमानना याचिका दायर कर डीजीपी नियुक्ति को चुनौती दी है। उन्होंने अनुराग गुप्ता को झारखण्ड सरकार द्वारा नियमित डीजीपी बनाये जाने पर सवाल उठाया है। 24 फरवरी को ये केस लिस्टिंग हो सकती है। जानकारी के मुताबिक बाबूलाल मरांडी की ओर से 13 फरवरी को अवमानना याचिका दायर की थी। अवमानना याचिका पर अधिवक्ता कुमार मिहिर ने अनुराग गुप्ता की नियमित डीजीपी के रुप में नियुक्ति को अवैध बताते हुए कई कारण बताये हैं। याचिका में बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव अलका तिवारी, डीजीपी अनुराग गुप्ता, सेवानिवृत्त सह- नॉमिनेशन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस रत्नाकर भेंगरा, गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल और पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को इस केस में प्रतिवादी बनाया है। अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को अवैध बताते हुए कहा गया है कि 25 जुलाई 2024 में एक्टिंग डीजीपी बनाना रिट सिविल नंबर 310/1996 मामले में 3 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आये आदेश का उल्लंघन है। अजय कुमार सिंह को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर 2024 को अनुराग गुप्ता को एक्टिंग डीजीपी बनाया गया था। ऐसा करना रिट सिविल नंबर 310/1996 में 3 जुलाई 2018 को आए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आये फैसले का उल्लंघन है। अवमानना याचिका में यह कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 22 सितंबर 2006 को WP (C) संख्या 310/1996 मामले में आदेश के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का चयन राज्य सरकार द्वारा विभाग के तीन वरिष्ठतम अधिकारियों में से किया जायेगा।