उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह योजना में किये गए भ्रष्टाचार की जांच के लिए कलेक्टर को सौंपा स्मरण पत्र।

एनपीटी उत्तर प्रदेश ब्यूरो

नगर निगम सागर द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह कार्यक्रम में बड़े फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप आयोजन के दिन से ही लगते रहे हैं, इसके लिए यह कार्यक्रम सुर्खियां बटोरता रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत सागर कलेक्टर से जनसुनवाई के माध्यम से दिनांक 10 सितंबर 2024 को की है इसकी जांच को लेकर आवेदक ने अपना स्मरण पत्र देते हुए आज मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर पेश किया है आरटीआई कार्यकर्ता यशवंत सिंह चौधरी ने संवाददाता से बातचीत करते हुए नगर निगम के पार्षदों, टैक्स कलेक्टर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहित आल्हा अधिकारियों की मिली भगत के आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना में उन लोगों को लाभ दे दिया गया है जो कि पहले से प्रधानमंत्री मातृ योजना का लाभ ले रही थी अथवा उसका आवेदन कर चुकी थी।
सीधे शब्दों में कहे तो जो महिलाएं गर्भवती थी 49000 की राशि के चेक के लिए दोबारा दुल्हन बनाकर कार्यक्रम में शामिल हुई यह लापरवाही के आरोप आरटीआई कार्यकर्ता ने नगर निगम से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर लगाए हैं एवं पूरे प्रकरणों की जांच की मांग की है। यशवंत चौधरी का कहना है कि उन्होंने नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 48 में से 17 वार्डन के हितग्राहियों की जानकारी प्राप्त की तथा महिला एवं बाल विकास विभाग से गर्भवती महिलाओं कि जब जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया है इसमें बड़े स्तर पर मिली भगत करके शासन की योजना की राशि अपात्र लोगों को दे दी गई है। इसकी जांच के लिए स्मरण पत्र देते हुए कहा है कि यदि इस फर्जी बारे में सन लिफ्ट अधिकारी कर्मचारी एवं दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही नहीं होती है तो वह न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे एवं इसके तहत जनहित याचिका दायर की जाएगी।

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