बूंदी

आदर्श सौर ऊर्जा गांव को मिलेंगे एक करोड़ रुपए

एनपीटी बूंदी ब्यरो 

बूंदी, 26 दिसंबर। पीएम सूर्यघर मुफत बिजली योजना के अन्तर्गत आदर्श सौर ग्राम चयन व समीक्षा के लिए जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक गुरूवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिला कलक्टर कहा कि इस योजना के तहत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने का प्रावधान है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को अन्य आवेदनों पर भी समय रहते उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए, ताकि योजना का लाभ जिला के नागरिकों को मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पीएम कुसुम योजना में अधिकाधिक आवेदन करवाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि चयनित गांवों में सौर ऊर्जा के बारे में अधिकाधिक जानकारी ग्रामवासियों को दी जाए, ताकि सौर ऊर्जा यूनिट स्थापित करने के लिए अधिकाधिक संख्या में आवेदन प्राप्त हों। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को भी इस कार्य में सहयोग लिया जाएगा। गांवों में माईकिंग के जरिए प्रचार प्रसार करवाया जाए। शिविर लगाकर घरों में सौर यूनिट स्थापित करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुμत बिजली योजना के अंतर्गत बूंदी जिले में 5 हजार से अधिक की आबादी वाले राजस्व गांव को आदर्श सौर गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। सौर गांव का चयन करने के लिए इन राजस्व गांवों की एकदूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करवाई जाएगी, जिसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया जाएगा। प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले आदर्श सौर ऊर्जा गांव को एक करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इन गावों का किया चयन  जयपुर विद्युत वितरण निगम लि. के अधीक्षण अभियंता के.के. शुक्ला ने बताया कि पीएम सूर्यघर मुμत बिजली योजना के तहत जिले के सात गांवों का चयन किया गया। इनमें तालेडा, डाबी, धनेश्वर, बुधपुरा, करवर, गोठडा, माटूंदा का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत चयनित गांवों में से एक आदर्श सौर ग्राम का चयन किया जाएगा। चयनित गांवों में आमजन से आवेदन लेकर सोलर रूफ टॉप स्थापित करवााए जाएंगे। सबसे ज्यादा किलोवाट क्षमता के प्लांट स्थापित करने वाले गांव को आदर्श सौर ग्राम का दर्जा दिया जाएगा। आदर्श सौर ग्राम को एक करोड की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस राशि का उपयोग गांव में सौलर प्लांट की स्थापना के लिए किया जा सकेगा, ताकि बिजली पर निर्भारता नहीं रहे और बिजली की आवश्यकता सौर ऊर्जा से ही पूरी हो सकेगी।

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