पोडै़याहाट के ऐतिहासिक तलाब शिव मंदिर प्रांगण पदमपुर में हुआ चरक मेला का आयोजन

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
पोडै़याहाट(गोड्डा): प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक तालाब पदमपुर शिव मंदिर प्रांगण में हर साल की भांति मंगलवार को चरक मेला का आयोजन हुआ। आयोजित मेला में तरह-तरह की बच्चों के खेल खिलौना एवं शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।आयोजित मेला के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक तालाब उद्धेश्वर नाथ के नाम से भी जाने जाते हैं।राजा भीमसेन के जमाने मे ही तालाब का निर्माण हुआ था और यह तलाब के समीप गरीब के लड़की की शादी होने पर बर्तन बासन की मांग किया करते थे और मिलता था और शादी के बाद फिर उसी जगह बर्तन को साफ सुथरा कर रख दिया जाता था।पूर्वजों से चला आ रहे पूजा अर्चना को हम हर्षीउल्लास के साथ पूरे आसपास के समाज एवं लोगों के साथ मिलकर मानते हैं। जानकारी के अनुसार
झूलने वाले के शरीर को रस्सी से बांधकर लोहे का हुक फंसाया जाता है और तेज गति से झुलाया जाता है। यह बेहद कष्टप्रद है लेकिन समाज के लोगों की मान्यता है कि उपवास रहकर सेवा करने से इतनी शक्ति आ जाती है कि कष्ट का थोड़ा भी अनुभव नहीं होता। इस अनुष्ठान को करने वालों को चैत्र माह में संन्यास धारण करते पारम्परिक वेशभूषा में भिक्षा मांग एक पहर भोजन ग्रहण करना होता है।खजूर भांगा महोत्सव का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं।शिवभक्त की टोलियों में 2 सदस्य गंगा जल से स्नान कर गेरुआ वस्त्र धारण कर कटीले खजूर पेड़ में बिना किसी सहारे चढ़ते हैं तथा नृत्य करते हुए पेड़ पर लगी कच्चे खजूर की डालियों को तोड़ नीचे फेंकते हैं। नीचे खड़े श्रद्धालु ऊपर से फेंके खजूर फल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यह दिन शिवभक्तों का भिक्षा मांगने का आखिरी दिन होता है।इसके बाद शिवभक्त अपने पीठ में रस्सी से लोहे की हुक लगा चरक पर्व मनाते हैं।चरक पूजा में वही भक्त शामिल होते हैं जो उपवास मे रहते है। इस दौरान नागेंद्र सिंह विनोद सिंह गुरु सिंह संजय कुमार सिंह मुकेश कुमार सिंह राजू कुमार प्रीतम कुमार रोहित कुमार संतोष कुमार गोपाल कुमार सहीत सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद थे।