ऐतिहासिक गुलाबबाड़ी खेल मैदान को बचाने व सौन्दर्यीकरण कराने हेतु सम्भ्रान्त नागरिकों की सम्पन्न हुई बैठक में संघर्ष समिति गठित।
एनपीटी अयोध्या ब्यूरो
अयोध्या। फैजाबाद के ऐतिहासिक गुलाब बाड़ी खेल के मैदान को खिलाड़ियों के लिए आरक्षित करने तथा उसका सौंदरीकरण करने तथा बृहस्पतिवार की साप्ताहिक बाजार को अन्य जगहों पर स्थानांतरित किए जाने के लिए गुलाबबाड़ी खेल का मैदान बचाओ संघर्ष समिति की एक बैठक गुलाब बाड़ी मैदान के सामने स्थित आई एम ओके रेस्टोरेंट में वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह नत की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक की जानकारी देते हुए गुलाब बाड़ी खेल के मैदान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता संजय महिंद्रा ने बताया कि बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि उपरोक्त मांगों को लेकर 2100 लोगों के हस्ताक्षर युद्ध ज्ञापन जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित विज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। बैठक में सर्वसम्मत से यशवीर सिंह चिंटू एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष कमिश्नरी बर एसोसिएशन को “गुलाब बाड़ी खेल का मैदान बचाओ संघर्ष समिति अयोध्या” का अध्यक्ष तथा शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्यकांत पांडेय व वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह नत को संरक्षक सहित 21 लोगों की एक कमेटी बनाई गई है।
संजय महिंद्रा ने बताया कि नजूल विभाग व प्रशासन की मिली भगत से गुलाब बाड़ी खेल के मैदान का वर्चस्व समाप्त कर दिया गया तथा साप्ताहिक बृहस्पतिवार बाजार लगने से रीडगंज चौराहे से देवकाली तक प्रातः काल से लेकर रात्रि तक जाम की समस्या भयंकर रूप से पैदा होती हैं। स्कूल के बच्चों को आने-जाने में घर कठिनाइयां का सामना भी करना पड़ता है। हॉस्पिटल लेन होने के बावजूद स्थानीय निवासियों को घनघोर समस्या का सामना करना पड़ता है। बैठक को प्रमुख रूप से संबोधित करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता शीतला पाठक एडवोकेट ,अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष प्रतीक वैश्य, उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष कवींद्र साहनी, सामाजिक कार्यकत्री भारती सिंह ऐडवोकेट, डीएन वर्मा, डॉक्टर दिनेश मिश्रा, मनीष मौर्य ,सैयद सुभानी, मनोज श्रीवास्तव ,आलोक मिश्रा ,फ्लावर नकवी,दीपेंद्र श्रीवास्तव ,मंसाराम यादव, देश दीपक , परमजीत कौर, सुमन दुबे ,विनोद पांडेय, संतोष शरण, रमेश चोरसिया, शाहिद शहर के गणमान्य नागरिक व सामाजिक लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।