बरेली

जमीनो के खरोद फरोख्त में धोखाधड़ी रोकने को बीडीए  कर रहा है ब्यौरा तैयार

एनपीटी बरेली ब्यूरो

बरेली। पीलीभीत, शाहजहांपुर, नैनीताल और बदायूं मार्ग के दोनों ओर 30 मीटर क्षेत्र महायोजना में हरित पट्टी के लिए आरक्षित है। बैनामों में इसका उल्लेख अनिवार्य होगा। आमतौर पर लोग सड़क के किनारे व्यावसायिक-रिहायशी निर्माण कराने के लिए महंगी जमीन खरीदते हैं। जब वह बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) में नक्शा पास कराने जाते हैं तो पता लगता है कि यह जमीन तो हरित पट्टी के लिए है। भवन निर्माण नहीं हो सकता। ऐसे में उनके करोड़ों रुपये फंस जाते हैं।

ऐसे कई मामले शासन तक तो कुछ कोर्ट तक पहुंच गए। खरीदारों ने तर्क दिया कि महायोजना में कौन भी भूमि किस कार्य के लिए आरक्षित है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, न ही किसी ने अवगत कराया।  इम्तियाज हुसैन बनाम उप्र राज्य व अन्य मामले में पारित आदेशों में अदालत ने सरकार से कहा कि इस बारे में लोगों को जागरूक किया चाए। इसी क्रम में बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) कार्यालय में सोमवार को कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें स्पष्ट बताया गया कि अब बैनामे में पार्क/ग्रीन बेल्ट व भू उपयोग की जानकारी महायोजना के अनुरूप दर्ज की जाए।

संपत्ति खरीदने से पहले कर लें पड़ताल

बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि संपत्ति खरीदते समय यह भी पता करें कि भूखंड विकास प्राधिकरण अथवा अन्य किसी विभाग के पास बंधक तो नहीं है। भू उपयोग की भी जानकारी कर लेनी चाहिए। बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार ने उप निबंधकों को बताया कि महायोजना में पार्क, खुले स्थल, ग्रीन बेल्ट, क्रीड़ास्थल और सड़कों के किनारे प्रस्तावित भू उपयोग का विवरण गाटावार रजिस्ट्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि बैनामे में यह जानकारी दर्ज की जा सके। इस प्रक्रिया से आम आदमी को भू उपयोग की जानकारी होगी। लोग धोखाधड़ी का शिकार नहीं होंगे।

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