जय पहाड़ी में रमाबाई अंबेडकर की 127 वीं जयंती धूमधाम से मानाई

एनपीटी राजस्थान ब्यूरो
झुंझुनूं। जिले के जय पहाड़ी में त्यागमयी माता रमा बाई अम्बेडकर की 127 वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। जयंती समारोह के मुख्य अतिथि नानूराम गहनोलिया महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र झुन्झुनू रहे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्गावती द्वारा की गई।
मुख्य अतिथि गहनोलिया ने कहा कि रमा बाई अम्बेडकर ने अपना संपूर्ण जीवन देश एवं समाज को समर्पित कर दिया था। उन्होंने कठिन विपरीत परिस्थितियों में डॉ० भीमराव अम्बेडकर का सहयोग किया एवं भीमा को डॉ० भीमराव अम्बेडकर बना कर विश्व रत्न बना दिया। डॉ अम्बेडकर ने अथक मेहनत से भारत का संविधान लिखा जिसमें 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा। जिसमें अछूतो और महिलाओं को न्याय, समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, शिक्षा, रोज़गार तथा मान- सम्मान के अधिकार प्रदान करवाए। महिलाओं की ग़ुलामी की बेड़ियां तोड़कर उन्हें आज़ादी दिलाई।
आज महिलाएं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं ।
अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को रमाबाई अम्बेडकर ने शिक्षा के अधिकार, वोट का अधिकार तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की प्रेरणा डॉ भीमराव अम्बेडकर को दी जिससे संविधान में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा हो सकी।
विशिष्ट अतिथि रामानंद आर्य ने विस्तार से रमाबाई अम्बेडकर के जीवन दर्शन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि रमाबाई ने उपले बाज़ार में विक्रय कर लंदन में डॉ अम्बेडकर की उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग किया। रमाबाई ने अपने चार बच्चों को खोकर बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकार प्रदान करवाए। बहुजन समाज के समाज के युवाओं व युवतियों को शिक्षा एंव रोज़गार में सहयोग करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि बलवीर सिंह काला ने रमाबाई अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराष्ट्र में रमाबाई अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का निर्माण कर उसमें 208 कमरों का हॉस्टल रमाबाई अम्बेडकर के नाम पर किया है।
डॉ अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल , लखनऊ में रमाबाई की प्रतिमा स्थापित की है। रमाबाई के नाम पर स्कूल , कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कर उनकी याद को चिर स्थायी किया गया है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष ओंकार मल का 86 वाँ जन्म दिवस बौद्ध संस्कार से श्रध्देय भंते विनय पाल ने मनवाया ।
जयंती समारोह में ट्रस्टी मालीराम, बी एल बौद्ध, रतन कुमार बोयल , दुर्गाप्रसाद बोयल , डा० जगदीश बरवड , रामकुमार वर्मा , विकास आल्हा , सतवीर बरवड , अशोक बोयल , धर्मपाल सिंह सुनिया , इंदुबाला बोयल , भगवती मल , गोवर्द्धन सिंह निठारवाल , राजकुमार बोयल , रोहिताश बोयल , मनोज बोयल , रेशमी बोयल ,वेदप्रकाश बोयल , सीमा बौद्ध, अलवर , संतरा देवी , नारायण लाल , बाबू लाल बौद्ध अलवर , खींवा राम भूपेश , धर्मपाल भूपेश सहित अनेकों व्यक्ति उपस्थित रहे ।