जैक ने की परीक्षा रद्द, सरकार ने उच्चस्तरीय जांच कराने का लिया निर्णय

एनपीटी झारखण्ड ब्यूरो,
झारखण्ड में मैट्रिक की परीक्षा रद्द हो गयी है। 11 फरवरी से शुरू हुई जैक बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के दौरान हिंदी और विज्ञान सैद्धांतिक का पेपर लीक हो गया है। जैक बोर्ड की जांच में इसको सही पाया गया है, जिसके बाद पूरे राज्य में परीक्षा रद्द कर दी गयी है। बताया जा रहा है कि पेपर 2 दिन पहले ही लीक हो गया था। गुरुवार को परीक्षा के बाद जब वास्तविक प्रश्न पत्र से मिलान करने पर लिखा हुआ प्रश्नपत्र हूबहू पाया गया, जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस मुद्दे पर गुरुवार दोपहर हाई लेवल मीटिंग की। सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया है। वही जैक के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि पेपर कैसे लीक हुआ, इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की जायेगी। इसके पहले हिंदी का प्रश्न पत्र लीक होने की भी पुरजोर चर्चा थी। पहली बार इस तरह हुआ पेपर लीक: प्रारम्भिक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पेपर लीक के तार कोडरमा और गिरिडीह से जुड़े होने के कारण जिला प्रशासन से जैक बोर्ड ने स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले जैक बोर्ड एग्जामिनेशन क्वेश्चन पेपर 2025 नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप क्रिएट किया गया था। इसमें एक स्कैनर का इस्तेमाल करते हुए छात्रों से प्रश्न पत्र देने के एवज में 350 की मांग की जा रही थी। इस ग्रुप में जुड़ने के लिए इस ग्रुप का लिंक दूसरे सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल किया गया और देखते ही देखे उसे लिंक के जरिए क्वेश्चन पेपर वाले ग्रुप से 1000 से ज्यादा लोग जुड़ गये। उनके पर्सनल नंबर पर उत्तर समेत क्वेश्चन पेपर पीडीएफ में भेजा गया और पैसे मिलने के बाद उसे पीडीएफ को खोलने का पासवर्ड उक्त विद्यार्थी या उसके अभिभावक को दिया गया। जब साइंस का परीक्षा खत्म होने के बाद कोडरमा के दो अलग- अलग स्कूलों में जब इसकी पड़ताल की गई तो छात्राओं ने हूबहू क्वेश्चन पेपर मिलने की बात की पुष्टि की और बताया कि इसी तरह के क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया के अलग-अलग साइट्स पर वायरल हो रहे थे।