
एनपीटी झारखंड ब्यूरो
गोड्डा – जिले में स्वास्थ्य विभाग लाख दावे के बाद भी जिले के सदर अस्पताल के दम तोड़ती नजर आ रही है जहां अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां 108 एंबुलेंस के अभाव में एक मरीज की जान चली गई है सदर अस्पताल से मरीज को रेफर करने के बाद 3 घंटे तक एंबुलेंस 108 नंबर पर फोन लगाकर परिजन गुहार लगाते रह गए लेकिन एंबुलेंस सही समय पर नहीं पहुंच पाई अंतिम में मरीज ने सदर अस्पताल में ही दम तोड़ दिया 50 किलोमीटर दूर मरीज को लेकर शौक से सदर अस्पताल गोड्डा पहुंचे थे कि वहां डॉक्टर अच्छे हैं वहां व्यवस्था अच्छी है हमारा इलाज हो जाएगा और हम स्वस्थ होकर घर लौट जाएंगे लेकिन अस्पताल के डॉक्टर साहब ने इलाज कर दिया इलाज करने के बाद मरीज की स्थिति को देखकर डॉक्टर साहब उन्हें रेफर कर दिया जब स्वास्थ्य विभाग की इस तरीके का शर्मनाक व्यवस्था हो तो सवाल तो उठेगा ही ना अब मृतक के परिजन कह रहे हैं एम्बुलेंस वाले को फोन किया है ड्यूटी में तैनात डॉक्टर साहब से भी बात कराया लेकिन फिर भी 108 एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई अंतिम में मरीज ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया मृतक माथाडी गांव का रहने वाला मृतक था
अजय मड़ैया कहते हैं मेरे पिता का रात में अचानक तबीयत खराब हो गया जहां अचानक गोड्डा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया अस्पताल के डॉक्टरों ने ही 108 एंबुलेंस को कॉल करने के लिए कहा है परिजन 108 एंबुलेंस को 7:00 बजे कॉल कर इंतजार करने लगा लेकिन 9:30 होने के बाद भी एंबुलेंस सदर अस्पताल नहीं पहुंच पाई फिर 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन एंबुलेंस के तरफ से जवाब मिला अभी एंबुलेंस का कोई व्यवस्था नहीं है लोकल क्षेत्र में गया हुआ है आप कोई अपना व्यवस्था कर लीजिए इसके बाद पिता ने दम तोड़ चुका था
अब स्वास्थ्य विभाग का यह कोई नया रवैया नहीं है बीते एक महीना पहले भी एक महिला को घटना के बाद खाट पर ले जाते देखा गया था लेकिन एंबुलेंस सही समय पर नहीं पहुंच पाई थी पूरे मामले पर गोड्डा के सिविल सर्जन अनंत कुमार झा ने कहा की घटना की जानकारी नहीं मिल पाई थी अभी कुछ ही देर पहले मुझे जानकारी मिली है। पूरे मामले को लेकर स्टेट में जो 108 एम्बुलेंस के कॉल सेंटर है। वहां वॉट्सएप के माध्यम से डिटेल भेजकर कारण पूछा हुं। आखिर किसकी लापरवाही से जान गई है। सीएस ने 108 की लापरवाही बताई है। कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है।