झारखंड

इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अंगद किशोर को मिली पीएचडी की उपाधि

एनपीटी पलामू ब्यूरो,

पलामू (झ०खं०), पलामू के हुसैनाबाद प्रतिष्ठित, लोकप्रिय और खोजी इतिहासकार अंगद किशोर को क्षेत्रीय इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एरिज़ोना ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्ट्रेट (पीएचडी) की उपाधि प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि विगत 1 मार्च को मयूर विहार (नई दिल्ली) स्थित ‘होलिडे इन’ होटल के विशाल प्रशाल में इंटरनेशनल कन्फर्मेंट अवार्ड्स 2025 के तत्वावधान में आयोजित एक वृहद समारोह में इतिहासकार अंगद किशोर को बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित भगतसिंह सेवा दल के अध्यक्ष एवं पद्मश्री जीतेंद्र सिंह संटी द्वारा पीएचडी का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया तथा मेडल तथा मोमेंटो से उन्हें सम्मानित किया गया। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों एवं विषयों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाले देश-विदेश के लगभग पांच सौ प्रतिभा सम्पन्न लोगों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। आमंत्रित सम्मानित विद्वानों में वेंकटेश्वर ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो ललित कुमार सागर भी उपस्थित थे। किशोर को यह उपाधि उस समय मिली, जब वे विगत एक माह पूर्व सरकारी सेवा से निवृत्त हो चके हैं। विगत साढ़े चार दशक से साहित्य सेवा और विगत तीन दशक से क्षेत्रीय इतिहास की खोज में अहर्निश योगदान देने वाले किशोर ने क्षेत्रीय इतिहास के उन अनछूए पहलुओं का उद्घाटन किया है, जो इतिहास के पन्नों में अब तक अंकित नहीं हो सकी थी। मध्य सोन घाटी में मौर्यकालीन नगर की खोज उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तर कोयल और सोन नदियों के संगम पर अवस्थित मौर्यकालीन नगर कबरा कलां में वर्ष 2018 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा उत्खनन कार्य किया गया, जिसमें मौर्यकालीन नगर का समृद्ध अवशेष मिले हैं। किशोर ने इतिहास और साहित्य से सम्बद्ध दो दर्जन पुस्तकों की रचना की है, जिसमें एक दर्जन पुस्तकें अभी तक प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में ‘झारखंड की बौद्ध विरासत’, ‘झारखंड का मौर्यकालीन नगर जपला’, ‘चेरो राजवंश का इतिहास’, ‘पलामू का देवगन’, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम शहीद केशरी राम चंद्रवंशी’, ‘जुबान को आवाज़ दो’, ‘कोई जिंदगी से खेलता कफ़न के लिए’, ‘आत्मसम्मान’, ‘पंच परमेश्वर:, ‘वरना निकाल दिए जाओगे कोख से’, ‘ये जीना क्या जीना है’ आदि उल्लेखनीय है। डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि हासिल करने पर किशोर को बधाई देने वाले गणमान्य लोगों में सर्वश्री प. बंगाल के सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ डी एन वर्मा, सिद्धु-कान्हू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शर्मा, डॉ पप्पू कुमार राय, डॉ शिवकुमार विश्वकर्मा, डॉ रामसुभग सिंह, प्रसिद्ध साहित्यकार विपिन बिहारी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ सत्येन्द्र कुमार चंदेल, पत्रकार कमलेश कुमार विश्वकर्मा आदि उल्लेखनीय हैं।

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