बरेली

प्लाटों पर कब्जे की शिकायत को लेकर डीएम ने नगर निगम पर बैठा दी जांच

एनपीटी बरेली ब्यूरो

बरेली। डीएम रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में विगत दिवस तहसील सदर में संपूर्ण समाधान दिवस मैं  खाली प्लाट पर कब्जे और कूड़ा फेक जाने की  शिकायत की गई जिसमें नगर निगम पर प्लॉटों पर कब्जा कर कूड़ा फिकवाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई। पुलिस, अवैध कब्जे, पेंशन, आवास, रास्ते, मेड़ आदि से संबंधित कुल 49 शिकायतें पहुंचीं। डीएम ने कई शिकायतों में जांच बैठाई है।

रामपुर रोड स्थित स्वालेनगर नवदिया आनंद विहार कॉलोनी निवासी हुमा हैदर ने डीएम को बताया कि बाकरगंज में किला नदी पार 2013 में 105 वर्ग गज के दो प्लॉट खरीदे थे। प्लॉट खरीदने के कुछ समय बाद पति जिया हैदर का निधन हो गया। उस दौरान वह अपने प्लॉट पर नहीं जा सकीं। कुछ दिनों बाद पता चला कि उनके प्लॉटों पर कूड़ा फेंका जा रहा है। आरोप लगाया कि नगर निगम खाली प्लॉटों पर अपना कब्जा जमा रहा है। उन्होंने बताया कि कूड़ा फेंकने वालों ने निगम के अधिकारी के कहने पर यहां कूड़ा डालने की बात बताई थी। आरोप है कि वह नगर निगम में शिकायत करने गईं तो वहां एक अधिकारी ने अभद्रता की। उन्होंने डीएम से प्लॉटों पर कब्जा दिलाने की मांग की। डीएम ने नगर आयुक्त को प्रकरण देखने के निर्देश दिए हैं।

फरीदापुर इनायत खां के उल्फत सिंह, हेमपाल सिंह, प्रेमपाल सिंह ने शिकायत करते हुए बताया कि उनकी पैतृक भूमि नेकपुर चुंगी के पास है। कुछ दबंग भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। पूर्व में शिकायत पर एसडीएम सदर ने जांच टीम गठित की थी। आरोप लगाया कि न भूमि का सीमांकन हुआ न ही अवैध कब्जा हटाया गया। डीएम ने मामले में तहसीलदार सदर और एसएचओ सुभाषनगर को जांच के निर्देश दिए। मढ़ीनाथ निवासी अभिषेक कुमार ने पैतृक संपत्ति में हिस्सा दिलाने की गुहार लगाई। एसडीएम सदर प्रमोद कुमार, तहसीलदार सदर भानु प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

स्वीकृति के बाद भी नहीं मिला मत्स्य पट्टा

शिकायतकर्ता रहीसन पत्नी नवाज अली ने बताया कि उनके पास न आवास है और न ही वृद्धावस्था पेंशन आ रही। इसपर डीएम ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि जांच कर कार्रवाई करें। 

जिस गांव की शिकायतें ज्यादा आ रहीं, वहां का भ्रमण करें अधिकारी

डीएम ने समाधान दिवस में तहसील सदर क्षेत्र से आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस गांव में सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, उस गांव का भ्रमण कर शिकायतों का शत प्रतिशत निस्तारण करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

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