बाराबंकी

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेनानी डॉ राममनोहर लोहिया की 116 वी जयंती

एनपीटी बाराबंकी ब्यूरो

बाराबंकी। डा0 रामनोहर लोहिया निर्भीक विचारों वाले भयहीन वक्ता थे। संसद से लेकर सड़क तक उनके तर्कपूर्ण व्याख्यानों से देश का जनमत उनसे प्रभावित होता था तथा सरकार सचेत रहती थी। यही उनकी ताकत थी, कि लोग उन्हें सुनते थे, उनकी बातों पर विचार करते थे। डॉ लोहिया किसी भी सरकार या व्यक्ति के बारे में भयमुक्त हो बेबाक अपनी बात कहेंगे। यह बात प्रखर समाजवादी चिन्तक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. राममनोहर लोहिया की 116वीं जयन्ती और अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू के बलिदान दिवस पर गांधी भवन में आयोजित डॉ. लोहिया और अमर शहीद स्मृति व्याख्यान के मुख्य वक्ता राजनाथ शर्मा ने कही। श्री शर्मा कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों ने फांसी का फंदा खुद चुना था, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके बलिदान के बाद देश के युवा जोश से भर जाएंगे जिससे देश को आजादी मिलने में आसानी होगी। श्री शर्मा ने डॉ लोहिया के साथ बिताए अपनी संस्मृतियों को साझा किए। समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक सरवर अली ने कहा कि डॉ लोहिया देश के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने समाजवाद के रूप् में देश के गरीबों और किसानों की आवाज सरकारों के सामने उठाई और सरकारों के खिलाफ आन्दोलन भी किए। वरिष्ठ समाजवादी नेता ज्ञान सिंह यादव ने बताया कि डॉ लोहिया ने स्वयं अपना जन्मदिन केवल इसलिए नहीं मनाया क्योंकि इसी दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी हुई थी। इससे पूर्व पदाधिाकरियासें ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू और डॉ राममनोहर लोहिया के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रमुख रूप से पर्यावरणविद् सलाउद्दीन किदवई, मृत्युंजय शर्मा, बाबू जमील उर रहमान, विनय कुमार सिंह, शिवशंकर शुक्ला, विनोद भारती, सियाराम वर्मा, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, रणंजय शर्मा, साकेत मौर्य, विजय अवस्थी, अतुल, सत्येन्द्र सत्यम विजय कनौजिया आदि कई लोग मौजूद रहे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button