राज्य स्तरीय बिशुआ मेले को लेकर तैयारी जोर शोर से चल रहा

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
बसंतराय/ गोड्डा : प्रखंड मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक तालाब की साफ सफाई प्रखंड प्रशासन की ओर से कराई जा रही है। तालाब में फैली गंदगी और कचरे से और ऑक्सीजन की कमी से काफी मात्रा में मछलियां भी मर रही है। आगामी 14 अप्रैल से लगने वाले राज्य स्तरीय बिशुआ मेला को देखते हुए डीएमएफटी मद से तकरीबन 4 लाख की राशि से तालाब की साफ सफाई करवाने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को दर्जनों मजदूर के द्वारा तालाब की सफाई का कार्य किया जा रहा है। बता दें कि यह तालाब काफी पुराना और ऐतिहासिक है जहां काफी मात्रा में बड़ी-बड़ी मछलियां होती है। और विशेष कर यहां लगे कमल के फूल आकर्षण का केंद्र है। तालाब के चारों ओर 14 अप्रैल को राज्य स्तरीय भाव और आकर्षक मेला लगता है जिसे प्राचीन काल से बिशुआ मेला के नाम से जाना जाता है। फिलहाल तालाब के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि ऑक्सीजन की कमी से बड़ी-बड़ी मछलियां तड़प तड़प कर दम तोड़ रही है। वहीं स्थानीय लोगों ने तालाब में भारी गंदगी का मुख्य कारण तालाब के पूर्वी छोर पर अतिक्रमण कर बसे दर्शनों दुकानदार को बताया है। जानकारी देते हुए बताया गया कि उनके द्वारा रोजाना भारी मात्रा में कूड़ा करकट और गंदगी को तालाब में ही फेंक दिया जाता है। ऐतिहासिक वसंत राय तालाब सरकारी उदासीनता और सरकारी रखरखाव का भी दंश झेल रहा है। तालाब के जीवनाधार के लिए तमाम योजनाएं कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गई है। आज की तारीख में तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है जिसे पोछने वाला कोई नहीं हुआ है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पर्यटन मद से लगभग 80 लाख की राशि जीवनौद्धार के लिए कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा मिलकर राशि की बंदर बांट कर ली गई। इस मद से लगाए गए दोनों छोर पर स्ट्रीट लाइट महज एक महीने में खराब हो गई। वही तालाब किनारे घाटों पर लगाए गए टाइल्स महज कुछ दिनों में टूट गई। लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर भी प्रखंड प्रशासन के द्वारा 15वें वित्त की राशि से साफ सफाई कराई जाती है लेकिन वहां भी कमीशन खोरी चरम पर होने से आंशिक रूप से साफ सफाई कराई जाती है। राशि बंदर बांट करने वाले कौन ऐसे लोग थे यह जग जाहिर है। बहरहाल बसंतराय तालाब का साफ सफाई एक बार फिर से प्रारंभ कर दिया गया है जिनसे आम जनों में खुशी है। लोगों ने बताया कि इस बार बिशुआ मेला भव्य और आकर्षक लगेगा।