झारखण्ड सरकार ने की बड़ी कारवाई, घोटाला मामले में दो ऑफ़िसर सस्पेंड

एनपीटी,
झारखण्ड सरकार ने घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ई-रिक्शा की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आने के पश्चात सरकार ने दो अधिकारी को निलंबित किया है। गढ़वा जिले में स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इस संदर्भ में अपने दो वरिष्ठ अधिकारी कार्यपालक अभियंता प्रदीप सिंह और धर्मेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक दोनों अभियंता पेयजल स्वच्छता ग्रामीण कार्य प्रमंडल, गढ़वा में कार्यरत थे। आरोप है कि उन्होंने ई-रिक्शा की खरीद-फरोख्त प्रक्रिया में न केवल मानदंडों का उल्लंघन किया, बल्कि खरीद मूल्य को भी कृत्रिम रूप से बढ़ाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। विधानसभा बजटीय सत्र के दौरान चर्चा में रही इस मामले में विभाग द्वारा प्रारंभिक जांच की गई, जिसमें अनियमितता की पुष्टि होने पर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि ई-रिक्शा की कीमत बाजार दर की तुलना में काफी अधिक दिखाई गई और नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। गौरतलब हो कि झारखण्ड विधानसभा के हाल ही में समाप्त हुए बजट सत्र में पेयजल स्वच्छता विभाग में हो रही अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था। भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप लगाये थे, जिसके बाद सरकार ने विभागीय स्तर पर जांच के आदेश दिये थे। सरकार ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ का उदाहरण बताया है। इस फैसले को प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इस घोटाले की परतें अभी पूरी तरह खुली नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच अभी जारी है, और संभावना है कि आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जायेगी, जिन पर इस पूरे प्रकरण में मिलीभगत के आरोप हैं।