बे-मौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसानअन्नदाता फिर हुआ परेशान

एनपीटी मोदीनगर ब्यूरो
मोदीनगर ! बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने रबी फसलों की पर कहर बरपाया है। विशेषकर गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में ककर तैयार खड़ी फसलें या तो पानी डूब गई हैं या तेज हवाओं से गिरकर खराब हो गईं। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और उनकी आर्थिक स्थिति पर भी संकट
मंडराने लगा है। अप्रैल की शुरूआत में आमतौर पर मौसम शुष्क रहता है और किसान कटाई में व्यस्त होते हैं, लेकिन इस बार 10 अप्रैल की अचानक हुई बारिश ने अन्नदाता को बड़ा झटका दिया। गेहूं की फसल में अब दानों के काले पड़ने और अंकुरित होने की आशंका है, वहीं सरसों की फसल पूरी तरह भीग जाने से तेल की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
किसान सचिन त्यागी बताया, हम कटाई के बिल्कुल मुहाने पर थे। बस दो-तीन दिन और लगते, लेकिन अचानक बारिश ने सब चौपट कर दिया। अब न फसल बची और न उम्मीद। इसी तरह, किसान ने कहा, सरसों की फसल अच्छी थी, हम बाजार में बेचने की सोच रहे थे, लेकिन सब बर्बाद हो गया। बच्चे की पढ़ाई और घर का खर्च कैसे चलेगा, कुछ समझ नहीं आ रहा
कृषि विशेषज्ञ ने बताया, गर्मियों की शुरूआत में इस तरह की बारिश जलवायु असंतुलन का संकेत है। पक चुकी फसलों पर बारिश का प्रभाव बहुत घातक होता है। इसके कारण उत्पादन में 30 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
भारतीय किसान यूनियन किसान सभा के राष्ट्रीय संरक्षक सत्येंद्र त्यागी प्रदेश में खराब मौसम तेज आंधी और ओलावृष्टि के कारण अन्नदाता के सरसों व गेहूं की फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों के खेतों की फसलों का सर्वे कराकर किसानों के उचित मुआवजे की मांग की है तेज आंधी से आम के बागों में भी बड़ा नुकसान हुआ है कितने ही तेज आंधी के कारण आम के पेड़ गिर चुके हैं आकाशीय बिजली गिरने से भी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है अगर जल्द से जल्द शासन प्रशासन ने अन्नदाता किसानों का खेतों में जल्द से जल्द सर्वे कराकर उनको मुआवजा नहीं दिया तो भारतीय किसान यूनियन किसान सभा प्रदेश के हर जिलों में धरना प्रदर्शन करेगी